7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में पेंशन (Pension) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. मोदी कैबिनेट के इस फैसले से लाखों पेंशनभोगियों (Pensioners) को फायदा पहुंचने की उम्मीद है. सातवें वेतन आयोग (7th CPC) की सिफारिशों के अनुरूप वेतनमान पाने वाले कर्मचारियों के लिए भी यह नियम जानना बेहद जरुरी है. केन्द्र सरकार के ऐसे सभी कर्मचारी जिनका चयन नियुक्ति के लिए 1 जनवरी 2004 से पहले हुआ था, लेकिन जो 01 जनवरी, 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए, अब वे केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के दायरे में आने का विकल्प चुन सकते हैं.
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक ऑर्डर जारी किया है जिसके तहत केन्द्र सरकार के ऐसे सभी कर्मचारी जिनके चयन को नियुक्ति के लिए 01 जनवरी, 2004 से पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया था, लेकिन जो 01 जनवरी, 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए, अब वे एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) के बजाय केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के दायरे में आने का विकल्प चुन सकते हैं. 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में हो सकती है इतने फीसदी की बढ़ोतरी, मिलेगा तगड़ा फायदा
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस ऑर्डर से भारत सरकार के उन कर्मचारियों को या तो अब केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 को अपनाने अथवा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के दायरे में ही बने रहने का विकल्प दिया गया है जिन्हें वर्ष 2004 से पहले ही भर्ती कर लिया गया था.
केंद्रीय मंत्री ने साथ ही यह भी कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने यह ऐतिहासिक निर्णय केन्द्र सरकार के उन कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए लिया है जिनकी भर्ती को 01 जनवरी, 2004 से पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया था, लेकिन जो विभिन्न कारणों से 01 जनवरी, 2004 को या उसके बाद संबंधित सेवाओं में शामिल हुए थे. हालांकि, उन्होंने यह बात रेखांकित की कि इस विकल्प को अपनाने की अंतिम तिथि 31 मई, 2020 होगी और जो भी कर्मचारी इस निर्धारित तिथि तक इस विकल्प को अपनाने में विफल रहेंगे, वे आगे भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के दायरे में बने रहेंगे.
इस आदेश के माध्यम से केन्द्र सरकार ने बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित शिकायतों को दूर किया है जिनका चयन नियुक्ति के लिए (लिखित परीक्षा सहित,साक्षात्कार और परिणाम की घोषणा) 01 जनवरी 2004 से पहले कर लिया गया था (पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाए जाने के लिए भी यही कट ऑफ डेट निर्धारित की गई थी) लेकिन जो प्रशासनिक कारणवश देरी से सेवा में शामिल हुए और यह विलंब इन सरकारी कर्मचारियों की वजह से नहीं हुआ था.
भारत सरकार के इस नए आदेश से ऐसे कई सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है जो सीसीएस (पेंशन) नियम 1972 के दायरे में शामिल किए जाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा रहे थे. अब इस मामले से जुड़े कानूनी विवादों की संख्या भी काफी कम होने की उम्मीद है.