7th Pay Commission: कोरोना संकट से अधर में लटकी सरकारी कर्मचारियों की यह मांग, जल्द फैसले की उम्मीद नहीं
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th Pay Commission: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. सख्त बंदी की अवधि में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) धड़ाम हो गई और नकारात्मक ग्रोथ हुई. गैर-आवश्यक आर्थिक गतिविधियों को रोके जाने से राजकोषीय घाटे में बंपर इजाफा हुआ है. ऐसे में सरकार निकट भविष्य में न्यूनतम वेतन (Basic Salary) में संशोधन की उम्मीद बहुत कम है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्मचारियों के एक वर्ग को उम्मीद थी कि 2020-21 के केंद्रीय बजट के बाद प्रवेश स्तर के न्यूनतम वेतन (मूल वेतन) को संशोधित किया जा सकता है. हालांकि केंद्र सरकार ने लंबे समय से लंबित इस मांग पर कोई बयान जारी नहीं किया था. इस वजह से देश में लॉकडाउन लगाए जाने के साथ ही न्यूनतम वेतन में इजाफे की संभावना ना के बराबर हो गई. सैलरी स्ट्रक्चर के साथ ही पेंशनरों और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. 7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को 7वीं सीपीसी के तहत इतना मिलता है परिवहन भत्ता, यहां करें कैलकुलेट

इस साल जुलाई में डीए और डीआर बढ़ोतरी निर्धारित की गई थी. लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप और राजकोषीय घाटे के कारण सरकार को अगले साल जुलाई तक दो प्रमुख भत्तों की बढ़ोतरी को स्थगित कर दिया. पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने अपने 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख के करीब पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में जून 2021 तक कोई वृद्धि नहीं करने का फैसला लिया.

इसके तहत कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को डीए और डीआर में एक जनवरी 2020 से मिलने वाली किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा. साथ ही एक जुलाई 2020 से और एक जनवरी 2021 में जारी होने वाली डीए की अगली किस्तों का भुगतान भी नहीं होगा. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मौजूदा दर पर महंगाई भत्ते का लाभ मिलता रहेगा.

सरकार के इस फैसले को चुनौती देने के लिए एक कर्मचारी संगठन ने बाद में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया. हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला नहीं सुनाया और कहा कि सरकार डीए, डीआर वृद्धि को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए बाध्य नहीं है.

उल्लेखनीय है कि बढ़ती मंहगाई से निपटने के लिए मार्च महीनें में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 17 प्रतिशत से बढाकर 21 प्रतिशत किया गया था. यह बढ़ा हुआ डीए 1 जनवरी 2020 से प्रभावी होने वाला था. सरकार हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई यानि एक वर्ष में दो बार डीए में संशोधन करती है.