नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) को दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना की श्रेणी में गिना जाता है. अन्य देश के साथ युद्ध में मुकाबला हो या फिर आतंकवाद के खिलाफ लगातार चल रही लड़ाई क्यों न हो. सेना ने अपनी ताकत का दमखम शौर्य कई जगहों पर दिखा चुकी है. अब सेना भविष्य में और भी आधुनिक होने वाली है. बिपिन रावत (General Bipin Rawat) मंगलवार को 41वें DRDO डायरेक्टर्स कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में हमें साइबर ( Cyber), स्पेस (Space), लेज़र (Laser) , इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) और रोबोटिक (Robotic) टेक्नॉलोजी को अधिक गंभीरता से बढ़ावा देना होगा. क्योंकि आने वाले समय जो चुनौती होगी और उससे निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि भविष्य की लड़ाई जब भी होगी उसे स्वदेशी हथियारों से लड़ेंगे और हम ही जीतेंगे.
DRDO के इस कार्यक्रम में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल मौजूद थे. बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने कई बार परमाणु हमले और युद्ध की धमकी दे चूका है. इसके साथ ही पाकिस्तान आतंकवाद का भी सहारा लेकर देश के अमन चैन में खलल डालने का काम करता है. वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कह चुके हैं कि देश के सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं.
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Indian Army Chief General Bipin Rawat: We are looking at systems for future warfare. We have to start looking at development of cyber, space, laser, electronic and robotic technologies and artificial intelligence. pic.twitter.com/rTNiphC4Sp
— ANI (@ANI) October 15, 2019
गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन इस साल के प्रथम नौ महीनों के दौरान पांच सालों में सबसे ज्यादा रहा. भारतीय सेना के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में दो अक्टूबर तक 2,225 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया, जिसका मतलब है कि इस अवधि के दौरान उसने एक दिन में औसतन आठ बार संघर्षविराम उल्लंघन किया.
इसकी तुलना में, 2018 में पूरे वर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन की कुल संख्या 1,629 थी. सेना के आंकड़ों के अनुसार, 2018 में पूरे वर्ष के दौरान 318 के मुकाबले दो अक्टूबर तक एलओसी के पास और जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में 123 आतंकवादी घटनाएं हुई हैं. सेना ने 2018 में 254 और 2017 में 213 के मुकाबले इस साल दो अक्टूबर तक 140 आतंकवादियों को मार गिराया है.