India-China Standoff: भारत-चीन सीमा से लगने वाले सिक्किम (Sikkim) सेक्टर के नाकू ला (Naku La) के पास भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीखी झड़प होने की खबर है. बताया जा रहा है कि इसमें चीन के 20 सैनिक जख्मी हुए है, जबकि भारत के भी कुछ जवान घायल हुए है. हालांकि भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि 20 जनवरी को सिक्कम सेक्टर में हल्की झड़प हुई थी, तब लोकल कमांडर्स ने विवाद सुलझा दिया था. पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर भारत, चीन ने की सैन्य वार्ता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले सप्ताह उत्तर सिक्किम के नाकू ला में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) घुसपैठ की कोशिश कर रही थी, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. झड़प में लगभग 20 चीनी सैनिक घायल हो गए. चार भारतीय सैनिकों को इस घटना में मामूली चोटें भी आई हैं. हालांकि सीमा पर अब हालात सामान्य हो गए है.
It's clarified that there was a minor face-off between Indian Army & Chinese PLA troops at Naku La, Sikkim on 20th January. It was resolved by local commanders as per established protocols: Indian Army https://t.co/nFLWUNb2kx
— ANI (@ANI) January 25, 2021
बताया जा रहा है कि नाकू ला में चीनी सैनिकों ने जब भारतीय क्षेत्र की ओर बढ़ने की कोशिश की तो भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान झड़प हो गई. हालांकि, भारतीय सेना के जवानों ने उत्तरी सिक्किम में चुनौतीपूर्ण मौसम के बावजूद चीन को पीछे धकेलने में सफलता प्राप्त की. दोनों पड़ोसी देशों की सेनाओं के बीच हुए इस संघर्ष से स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन स्थिर है.
बीते साल मई महीने में भी इस इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. तब भी कई सैनिक जख्मी हुए थे. हालांकि स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद सैनिकों को समझाबुझाकर अलग किया गया. सैनिक निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप परस्पर समझ से ऐसे मामलों को सुलझा लेते हैं. यहां इस तरह की घटना काफी समय बाद हुई है.
पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से भारत और चीन की सेनाओं ने रविवार को ही नौंवें दौर की वार्ता की. इस क्षेत्र में नवंबर, 2020 से पिछले दौर की वार्ता के समय से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. यह बैठक करीब 15 घंटे तक चली.
भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है. चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है जबकि भारत इसका खंडन करता आया है.