COVID-19 रिकवरी में विश्व में पहले पायदान पर पहुंचा भारत, करीब 80 फीसदी संक्रमित हुए ठीक- अमेरिका को पछाड़ा
कोरोना से ठीक हुई 94 साल की बुजुर्ग महिला (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना (Coronavirus) पीड़ितों की संख्या शनिवार सुबह तक 53 लाख के पार पहुंच गई है. इसमें से 10,13,964 सक्रीय मामले है. जबकि 42,08,432 लोग स्वस्थ घोषित किये जा चुके हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक देशभर में मरने वालों की संख्या 85,619 हो गई है. लेकिन राहत की बात यह है कि भारत में कोरोना पीड़ित तेजी से ठीक हो रहे है. अब भारत घातक वायरस से ठीक होने वाले मामलों में अमेरिका (USA) से आगे निकलकर विश्व में पहले पायदान पर पहुंच गया है. कुल वैश्विक रिकवरी में भारत का 19% का योगदान है. जबकि भारत में 79.28% मरीज कोविड-19 को मात दे चुके है.

भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 93,337 नए मामले दर्ज किए गए हैं और इस दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से 1,247 मौतें दर्ज की गईं. हालाँकि भारत ने एक दिन में अभूतपूर्व रिकवरी दर हासिल की है. पिछले चौबीस घंटों के दौरान 95880 रोगियों को घर / सुविधा केंद्र और अस्पतालों से छुट्टी दी गई है. भारत में 16 सितंबर से ही लगातार 80,000 से अधिक रोगी हर रोज ठीक हो रहे हैं. देश में कुल रिकवरी 42 लाख के पार होने के साथ ही मृत्यु दर में भी गिरावट हो रही है. वर्तमान में कोरोना से मृत्यु दर 1.61 फीसदी है. देश में एक दिन में संक्रमणमुक्त होने वालों की संख्या कोरोना वायरस के नए मामलों से अधिक रही

पांच राज्यों में से सबसे अधिक मामले सामने के साथ-साथ सबसे अधिक दर से भी रोगी ठीक हुए हैं. 60% रिकवरी के मामले महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश से सामने आ रहे हैं. ठीक होने की नई दर में महाराष्ट्र का योगदान 22,000 (23%) का है, जबकि आंध्र प्रदेश का 11,000 (12.3%) है.

उल्लखेनीय है कि रोगियों के ठीक होने की बढ़ती दर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए प्रभावी नैदानिक ​​प्रबंधन और उपचार प्रोटोकॉल का एक प्रमाण है, जो समय-समय पर नए साक्ष्य के साथ जारी किए जाते हैं. एम्स के साथ सक्रिय सहयोग से स्वास्थ्य मंत्रालय 'नेशनल ई-आईसीयू ऑन कोविड ​​-19 प्रबंधन' परीक्षण कर रहा है, जिसमें उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से राज्य व केंद्रशासित प्रदेश के अस्पतालों के आईसीयू डॉक्टरों आते हैं. सप्ताह में दो बार, मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित, इन सत्रों ने मामलों की प्रजनन दर में गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई है. अब तक देश भर में 28 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 249 अस्पतालों को कवर करते हुए 19 ऐसे राष्ट्रीय ई-आईसीयू आयोजित किए गए हैं.