IC 814 Plane Hijacking Timeline: कंधार प्लेन हाईजैक! आतंक के वो 5 दिन जिससे थमी गई भारत की सांसे, जानें आईसी 814 अपहरण की पूरी कहानी
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आईसी-814 विमान अपहरण भारत के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी घटनाओं में से एक है. दिसंबर 1999 में घटित इस पांच दिन की त्रासदी ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था. उस समय जब 24 घंटे के समाचार चैनल नहीं थे, लोग हर पल की खबर जानने के लिए रेडियो और टीवी पर नज़र गड़ाए रहते थे. जिन लोगों ने इस घटना को देखा और अनुभव किया, उनके लिए ये पांच दिन मानो एक अनंतकाल के समान थे. अपहरणकर्ताओं ने अंततः विमान में सवार यात्रियों को रिहा कर दिया, लेकिन इसके बदले में भारत को तीन खतरनाक आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा, जिन्होंने पाकिस्तान लौटने के बाद नए आतंकी संगठन बनाए, जिनसे भारत आज भी जूझ रहा है.

आईसी-814 विमान अपहरण की टाइमलाइन

24 दिसंबर, 1999

4:00 बजे: विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर उड़ान भरी. विमान में 11 क्रू मेंबर्स और यात्री सवार थे.

4:39 बजे: विमान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया. इसी समय, एक एयर होस्टेस ने पायलट्स को रिफ्रेशमेंट्स सर्व किया, लेकिन जब वह कॉकपिट से बाहर जा रही थी, एक व्यक्ति जिसने लाल बालाक्लावा पहना हुआ था, उसने ग्रेनेड और बंदूक के साथ कॉकपिट में प्रवेश किया. उसने पायलट्स को बताया कि विमान का अपहरण हो चुका है और अब सब उसकी मर्जी के अनुसार होगा.

4:53 बजे: आतंकवादियों ने विमान को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया और पायलट को विमान को लाहौर ले जाने का आदेश दिया.

4:56 बजे: दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को आईसी-814 के कैप्टन देवी शरण द्वारा एक कोडेड संदेश के माध्यम से अपहरण की जानकारी मिली.

7:00 बजे:  विमान अमृतसर में उतरा, क्योंकि लाहौर हवाई अड्डे ने उतरने की अनुमति नहीं दी. अमृतसर में, आतंकवादियों ने विमान में ईंधन भरने की मांग की, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इस पर अनुमति नहीं दी.

8:01 बजे: विमान लाहौर हवाई अड्डे पर उतरा. यहां, कैप्टन ने आग्रह किया कि ईंधन खत्म हो रहा है, और विमान क्रैश लैंड हो सकता है, जिसके बाद विमान में ईंधन भरा गया.

10:32 बजे: विमान ने काबुल, अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरी.

25 दिसंबर, 1999

1:32 बजे: विमान दुबई में उतरा, क्योंकि काबुल हवाई अड्डे ने रात में उतरने की अनुमति नहीं दी. दुबई में, 27 यात्रियों को रिहा कर दिया गया.

6:20 बजे: विमान ने दुबई से काबुल के लिए उड़ान भरी और सुबह 8:33 बजे काबुल में उतरा.

26 दिसंबर से 31 दिसंबर तक

भारतीय सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच कड़े संवाद हुए, जहां अपहरणकर्ताओं ने पहले 36 आतंकवादियों की रिहाई और 200 मिलियन डॉलर की मांग की. लेकिन अंततः, भारत को मौलाना मसूद अज़हर, मुश्ताक ज़रगर और उमर शेख को रिहा करना पड़ा.

मसूद अज़हर ने बाद में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन की स्थापना की, जिसने भारत में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया, जिनमें 2019 का पुलवामा हमला भी शामिल है.