कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीन की बूस्टर डोज (Booster Dose) को लेकर काफी चर्चा है. दुनिया के कई देशों में कोरोना के खतरे को कम करने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की तैयारी शुरू हो गई है. पहले कोरोना वैक्सीन की दो डोज और उसके बाद बूस्टर डोज, इसे लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं. इस बीच इजरायल (Israel) के स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज COVID-19 के खिलाफ बेहद असरदार है. COVID-19 Third Wave: तीसरी लहर को लेकर चेतावनी, बच्चों के लिए हो सकता है खतरा.
इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फाइजर (Pfizer) के कोविड -19 वैक्सीन के बूस्टर शॉट से प्रतिरक्षा में काफी सुधार हुआ है. यह तीसरी डोज 60 साल और उससे ऊपर के लोगों में संक्रमण रोकने और उन्हें गंभीर रूप से बीमार होने से बचाने में पहले से ज्यादा असरदार है. स्टडी के मुताबिक, 60 साल से ऊपर के जिन लोगों बूस्टर शॉट दिया गया, उनमें दो डोज लेने वालों की तुलना में 4 गुना ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई है.
बता दें कि दुनियाभर के कई देशों में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. इस खतरे के बीच कई देशों ने बूस्टर डोज देने का ऐलान किया है. इजराइल के बाद अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों में भी बूस्टर डोज देने की तैयारी की जा रही है.
भारत में बूस्टर डोज को लेकर अभी कुछ क्लियर नहीं है. एम्स डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में अगले साल की शुरुआत तक इस संबंध में कोई जानकारी मिल पाएगी. उन्होंने कहा, अभी तक हमारे पास आंकड़े नहीं हैं, जिससे तय किया जा सके कि बूस्टर डोज की जरूरत है या नहीं. उन्होंने कहा, शायद अगले साल की शुरुआत तक हम यह बता पाएंगे कि हमारे यहां किस तरह की बूस्टर डोज की जरूरत है, और यह किन लोगों को लगाई जानी चाहिए.