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बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj)की अस्थियों को बेटी बांसुरी स्वराज ( Bansuri Swaraj) ने गढ़मुक्तेश्वर घाट पर गंगा नदी ( Ganga river ) में अस्थियों को विसर्जित किया. इस दौरान पति स्वराज कौशल (Swaraj Kaushal) भी मौजूद रहे.सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को लोधी रोड के दयानंद शवदाह गृह में किया गया था. बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज (67) का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया था. उनके पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय में रखा गया था, जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
सुषमा स्वराज एक ऐसी नेता थीं जिन्होंने अपने लंबे राजनीतिक कार्यकाल में बतौर नेता कई भूमिकाएं निभाईं. उन्हें भले ही सबसे अधिक याद विदेश में मुसीबत में फंसे भारतीयों तक पहुंचने में सक्रिय होने के साथ विदेश मंत्री की भूमिका को नई उंचाई तक ले जाने के लिए किया जाएगा. लेकिन अगर अतीत में देखा जाए तो सुषमा का कांग्रेस नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखने वाली सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी में 'विदेशी बहू' बनाम 'भारतीय नारी' का चुनावी मुकाबले में खड़े होने भी उतना ही महत्वपूर्ण था.
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#WATCH: Bansuri Swaraj, daughter of former EAM Sushma Swaraj, immerses her mother's ashes in Ganga river in Hapur. Sushma Swaraj's husband Swaraj Kaushal is also accompanying her. pic.twitter.com/mMTdW559kg
— ANI UP (@ANINewsUP) August 8, 2019
गौरतलब हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनका छोटा कार्यकाल भी काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं. इसके साथ ही यह भी काफी महत्वपूर्ण रहा कि 1977 में वह 25 साल की उम्र में हरियाणा कैबिनेट की मंत्री बनने वाली सबसे युवा नेता थीं. भारतीय जनता पार्टी में उनका उदय एल. के. आडवाणी की करीबी होने की वजह से हुआ. वह आडवाणी के उन चार सहायकों में से एक थीं, जिन्हें डी4 के तौर पर जाना जाता था. दिल्ली के इन चार शक्तिशाली नेताओं - सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, अनंत कुमार और एम. वेंकैया नायडू का उस समय पार्टी में काफी दबदबा था. यूपीए के कार्यकाल के दौरान भाजपा जब विपक्ष में थीं, तब लोकसभा में भाजपा का नेतृत्व सुषमा स्वराज ने किया था. ( एजेंसी इनपुट )