#GSTForNewIndia : पहली सालगिरह पर PM मोदी ने कहा- GST से विकास, सरलता और पारदर्शिता आई
फाइल फोटो (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े कर सुधार प्रणाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू हुए आज एक साल पूरा हो चूका है. इस मौके पर मोदी सरकार इसकी पहली वर्षगांठ को धूमधाम से मनाने की योजना बनाई है. संसद के केंद्रीय कक्ष में एक कार्यक्रम के दौरान पिछले साल 30 जून की मध्यरात्रि को जीएसटी लांच की गई थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर देशवासियों को बधाई देते हुए ट्वीट कर कहा, "जीएसटी का एक साल पूरा करने के विशेष अवसर पर मैं देशवासियों को बधाई देता हूं. सहकारी संघवाद और 'टीम इंडिया' भावना का एक जीवंत उदाहरण.. जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लेकर आया है."

उन्होंने जीएसटी का एक साल पूरा होने से संबंधित एक पोस्टर भी साझा किया, जिसमें एक राष्ट्र, एक कर की उपलब्धियों को दर्शाया गया था.

मोदी ने पोस्टर साझा करते हुए कहा, "जीएसटी विकास, सादगी और पारदर्शिता लेकर आया है. यह औपचारिकता को बढ़ावा देता है, उत्पादकता में वृद्धि करता है, 'व्यवसाय करने में आसानी' को बढ़ावा देता है, जिससे छोटे और मझोले उद्यमों को फायदा मिलता है."

वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, "पहला साल इसके कार्यान्वयन की चुनौतियों और नीति नियंताओं व कर प्रशासकों की उत्सुकता व क्षमता दोनों के लिए उल्लेखनीय रहा, जिन्होंने उभरती चुनौतियों का यथोचित उपाय किया."

वित्त मंत्रालय ने कहा, "लेकिन गौर करने की बात यह है कि भारतीय कर प्रणाली में इस अभूतपूर्व सुधार में भारतीय करदाताओं के भागीदार बनने की तत्परता से दुनिया के लिए जीएसटी एक मिसाल बन गई है."

नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू होने से पहले भारत में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाने वाले करों का एक गड़बड़झाला था.

मंत्रालय ने कहा, "जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सही मायने में अभूतपूर्व प्रभाव पड़ा है और यह एक गेम चेंजर साबित हुआ है, क्योंकि इससे कई स्तरों पर लगने वाले अप्रत्यक्ष करों की जटिल व्यवस्था बदल गई है और उसकी जगह एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी से प्रेरित कर व्यवस्था आ गई है."

वित्त मंत्रालय ने कहा, "अंतर्राज्यीय व्यापार की बाधाएं दूर होने से भारत में एकल बाजार व्यवस्था कायम होगी. विभिन्न स्तरों पर लगने वाले करों को समाप्त करके और लेन-देन लागत को कम करके यह देश में व्यापार को सुगम बना देगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन देगा. जीएसटी से एक राष्ट्र एक कर और एक बाजार व्यवस्था कायम होगी."