भोपाल, 15 मई : गर्मी का जोर बढ़ने के साथ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई हिस्सों में अघोषित बिजली कटौती का दौर जारी है. मगर सरकार का दावा है कि बिजली की कमी नहीं है. राज्य में गर्मी तेजी से बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है. मांग और आपूर्ति में चले अंतर ने कई इलाकों के लोगों को मुसीबत में डाला. बिजली की उपलब्धता के आंकड़े भले ही अंतर जाहिर करने वाले न हों, मगर अघोषित कटौती का दौर जारी है. ग्रामीण इलाकों में कई-कई घंटे तक बिजली गुल रहती है.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि प्रदेश में मांग के अनुसार बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बिजली की खपत के अनुरूप ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करें. उद्योग, कृषि एवं घरेलू बिजली क्षेत्रों के लिए पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध हो. यह भी पढ़ें : Delhi Mundka Fire: बिल्डिंग का मालिक मनीष लाकड़ा हुआ गिरफ्तार
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है. लगातार पर्याप्त बिजली व्यवस्था बनी हुई है. उन्होंने कहा कि लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. प्रदेश में सोलर ऊर्जा को बढ़ाने के लगातार प्रयास चल रहे हैं. इसके साथ ही प्रदेश में कोयले की उपलब्धता बढ़ी है. थर्मल पावर प्लांटों से भी उत्पादन बढ़ेगा.
बताया गया है कि प्रदेश के विभिन्न कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों -- खंडवा, बिरसिंहपुर, सारनी, चचाई में सकल स्टॉक तीन लाख मीट्रिक टन है, जबकि दैनिक खपत कुल 60 हजार टन है. रेलवे और आरसीआर के माध्यम से मई के दूसरे सप्ताह में कोयले के 109 रैक उपलब्ध हुए हैं.