भारत (India) को अगले कुछ हफ्तों में अपना पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff) मिल सकता है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) की अध्यक्षता वाली समिति अगले तीन सप्ताह के भीतर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देगी. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
जनरल बिपिन रावत थलसेना प्रमुख के तौर पर 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं और माना जा रहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने की दौड़ में वे सबसे आगे हैं. शीर्ष सरकारी सूत्रों का भी कहना है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा तो सरकार उन्हें सेवानिवृत होने से पहले देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ घोषित कर देगी.
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सूत्रों ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद ‘फोर स्टार’ जनरल के समकक्ष होगा और सभी सेनाओं के प्रमुखों में सबसे ऊपर होगा. प्रोटोकॉल के मामले में भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सबसे ऊपर रहेगा. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मुख्यत: रक्षा और रणनीतिक मामलों में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेगा.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ कहा जाएगा. पीएम मोदी की घोषणा के बाद एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया जो सीडीएस की नियुक्ति के तौर-तरीकों और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देगी. सूत्रों ने बताया है कि समिति ने जमीनी कामकाज पूरा कर लिया है और वह तीन सप्ताह के भीतर अंतिम रूपरेखा पेश करेगी.