बीएआरसी का पूर्व सीईओ फर्जी टीआरपी गिरोह का सरगना था: मुंबई पुलिस
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

मुंबई, 26 दिसंबर: मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने शुक्रवार को दावा किया कि ब्रॉडकास्ट रिसर्च ऑडियंस काउंसिल (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता (Parth Dasgupta) ने रिपब्लिक टीवी (Republic tv) सहित कुछ टीवी चैनलों की टीआरपी की हेराफेरी में मुख्य भूमिका निभाई थी. इससे पहले रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने दिन में एक बयान जारी कर कहा कि पुलिस के आरोप हास्यास्पद हैं और जांच का एकमात्र मकसद रिपब्लिक टीवी को निशाना बनाना है. रिपब्लिक टीवी का स्वामित्व रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के पास है. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने बृहस्पतिवार को 55 वर्षीय दासगुप्ता को पुणे जिले में तब गिरफ्तार किया जब वह गोवा से पुणे जा रहे थे. उन्हें शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उन्हें 28 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

पुलिस ने शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में उन्हें गिरोह का "सरगना’’ बताया. पुलिस ने कहा कि बीएआरसी के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी रोमिल रामगढ़िया से पूछताछ में पता चला कि वह दासगुप्ता की मिलीभगत से टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) फर्जीवाड़े में शामिल थे. रामगढ़िया को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. दासगुप्ता जून 2013 से नवंबर 2019 के बीच बीएआरसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) थे. रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पहले ही किसी गलत काम से इनकार कर चुका है और उसने दावा किया कि पूरे मामले में पुलिस के आरोप हास्यास्यपद हैं. मीडिया कंपनी ने दावा किया कि जांच फर्जी है और इसका एकमात्र मकसद रिपब्लिक टीवी को निशाना बनाना था. यह भी पढ़ें : TRP Scam Case: फर्जी टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी को किया गिरफ्तार

दासगुप्ता मामले में गिरफ्तार किए गए 15वें व्यक्ति हैं. मामले के ज्यादातर आरोपी अभी जमानत पर हैं.

मुंबई पुलिस ने बीएआरसी की इस शिकायत पर जांच शुरू की कि कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में हेराफेरी की जा रही है.

बीएआरसी की एक फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि दर्शकों के डेटा में हेरफेर कम से कम 2016 से 2019 के बीच चल रहा था और कुछ मामलों में रेटिंग पूर्व निर्धारित की गई थी. यह भी पढ़ें :TRP Scam: टीआरपी पर केंद्रीय मंत्री जावडेकर का बड़ा बयान, कहा- 50 हजार घरों से 22 करोड़ की राय नहीं माप सकते?

पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि जब दासगुप्ता बीएआरसी (BARC) के सीईओ थे, तो दर्शकों से संबंधी संदिग्ध डेटा के बारे में कई शिकायतें आई थीं, लेकिन इन शिकायतों को दबा दिया गया था. टीआरपी से दर्शकों की संख्या का पता लगाया जाता है. यह काफी अहम है क्योंकि इससे टीवी चैनलों को विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिलती है.