
Bengaluru Stampede 2025: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आईपीएल की पहली ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया. 18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद जब टीम बेंगलुरु पहुंची तो शहर में जश्न का माहौल था. खिलाड़ियों के स्वागत के लिए लाखों लोग उमड़ पड़े. लेकिन यह खुशी एक भयानक हादसे में बदल गई. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 47 लोग घायल हो गए.
क्या हुआ था उस दिन – टाइमलाइन के साथ पूरी कहानी
सुबह से ही भीड़ का जमावड़ा
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जैसे ही RCB की टीम बेंगलुरु पहुंची, वह सबसे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने विधानसभा (Vidhana Soudha) पहुंची.
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दोपहर 2 बजे तक ही चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों की भीड़ जमा हो चुकी थी.
3 बजे – भीड़ बेकाबू होने लगी
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टीम की झलक पाने के लिए लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए.
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ट्रैफिक जाम, पुलिस बल की तैनाती और भारी भीड़ के कारण माहौल तनावपूर्ण होने लगा.
3:30 से 5 बजे के बीच – सबसे खतरनाक वक्त
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13 गेट्स पर हजारों लोग अंदर जाने के लिए लाइन में लगे थे.
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पहले पास से एंट्री होनी थी, लेकिन अचानक फ्री एंट्री की घोषणा कर दी गई.
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इससे भगदड़ मच गई. गेट्स के पास लगी बैरिकेडिंग गिर गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे.
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मौके पर सैकड़ों चप्पलें बिखरी नजर आईं – एक दर्दनाक मंजर.
5 बजे – मौत की पुष्टि
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शुरू में 3 लोगों की मौत की खबर आई. फिर यह आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया.
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घायल लोगों को कंधों पर उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया.
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इसी बीच स्टेडियम के अंदर जश्न जारी रहा.
सरकार का क्या कहना है?
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पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ की संख्या उम्मीद से कहीं ज्यादा थी.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि “सभी सुरक्षा तैयारियां की गई थीं, लेकिन अचानक भीड़ उमड़ पड़ी जिससे भगदड़ मच गई.”
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच के आदेश दे दिए हैं, 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है.
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उन्होंने बताया कि स्टेडियम की क्षमता 35,000 है लेकिन 2-3 लाख लोग आ गए थे.
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उन्होंने हादसे पर दुख जताया और कहा – “इस हादसे का दुख जीत की खुशी को भी खत्म कर गया.”
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मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवज़ा और घायलों का मुफ्त इलाज देने की घोषणा की गई.
राजनीतिक बयान और अफसोस
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डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने घटना पर गहरा दुख जताया और माफी मांगी – “ये कभी नहीं होना चाहिए था.”
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मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव नसीर अहमद ने बताया कि खिलाड़ियों के पास समय कम था और उन्हें उसी रात देश छोड़ना था, इसलिए कार्यक्रम जल्दबाज़ी में आयोजित किया गया.
RCB की ऐतिहासिक जीत बेंगलुरु के लिए गर्व का पल था, लेकिन व्यवस्था की चूक और भीड़ का सही अनुमान न लग पाने की वजह से यह पल कई परिवारों के लिए हमेशा का ग़म बन गया. यह घटना बताती है कि जश्न कितना भी बड़ा हो, सुरक्षा और योजना उससे कहीं ज्यादा ज़रूरी है.