वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है
वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है: संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण #UnionBudget2023pic.twitter.com/OBV2JYn33x— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023
अमृत काल में यह पहला बजट है: संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण #UnionBudget2023 pic.twitter.com/cH0u7x3eva— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023
दिल्ली: केंद्रीय बजट 2023 की प्रतियां संसद में पहुंच गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे बजट पेश करेंगी.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी टीम के साथ पहुंची.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने के लिए संसद पहुंचीं. वह सुबह 11 बजे बजट 2023-24 पेश करेंगी.
#WATCH वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने के लिए संसद पहुंचीं। वह सुबह 11 बजे बजट 2023-24 पेश करेंगी। pic.twitter.com/BVPJuEzM1D— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023
देश को आज पेश होने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं. मुंबई से एक व्यक्ति ने कहा, "महंगाई और बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है. पिछले 2 सालों से आम आदमी पर बोझ बढ़ा है. 2 साल से टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसबार आम आदमी को टैक्स में राहत मिलनी चाहिए."
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी।
मुंबई से एक व्यक्ति ने कहा, "महंगाई और बेरोजगारी बहुत बढ़ गई है। पिछले 2 सालों से आम आदमी पर बोझ बढ़ा है। 2 साल से टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसबार आम आदमी को टैक्स में राहत मिलनी चाहिए।" pic.twitter.com/yNTj1Whmur— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। pic.twitter.com/34YltUSEXp— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2023
Budget 2023 Live Updates: वित्त मंत्री निर्मला आज साल 2023-24 का बजट पेश करेंगी. मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज 1 फरवरी सुबह 11 बजे साल 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी. बजट में वित्त मंत्री कई राहत दे सकती हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ चीजों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का भी ऐलान किया जा सकता है. बजट का आम जनता के साथ-साथ तमाम सेक्टर्स पर सीधा असर पड़ेगा. Budget 2023: जानें कौन हैं वित्त मंत्री की टीम के 6 चाणक्य, जिन्होंने बनाया आम आदमी का बजट.
देश की नजरें आज पेश होने जा रहे केंद्रीय बजट पर है. बता दें कि ये बजट केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में सभी को उम्मीद है कि केंद्र सरकार आम चुनाव से पहले इस बजट में जनता को क्या देने जा रही है? मध्यवर्गीय परिवार को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे में टैक्स छूट का तोहफा होगा. महंगाई से परेशान मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद है. लोगों की मांग है कि 80c का दायरा बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किया जाए.
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 जारी कर दिया गया. आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. वहीं नॉमिनल जीडीपी 11 फीसदी रह सकती है. सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी का अनुमान जताया गया है. जानकारी के अनुसार यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी.
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि कोरोना संकटकाल में हुए नुकसान की भरपाई हो गई है और कोरोना से कृषि पर न्यूनतम असर देखा गया है. 2021-22 में देश की जीडीपी 8.7 फीसदी रही थी. आर्थिक सर्वे में कहा गया कि कोरोना के चलते दो साल मुश्किल भरे रहे और कोरोना के साथ महंगाई ने नीतियों पर असर डाला है. वहीं सप्लाई चेन ने महंगाई संकट बढ़ाया और सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया है. सर्विस सेक्टर पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर देखा गया है.