Brain Eating Amoeba: केरल में 5 साल की एक बच्ची की मौत पानी में रहने वाले ब्रेन ईटिंग अमीबा के संक्रमण से हो गई. इस अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) है. इसे दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहते हैं. अमीबा के कारण होने वाले मस्तिष्क के एक दुर्लभ संक्रमण प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) का इलाज करा रही पांच साल की बच्ची की सोमवार देर रात कोझिकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई. मलप्पुरम के मुन्नियूर की रहने वाली लड़की वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी और अस्पताल के अधिकारी उसका इलाज कर रहे थे.
पीएएम संक्रमण अधिकतर दूषित पानी में नहाने या तैरने से होता है. लड़की 1 मई को रिश्तेदारों के साथ मुन्नियूर नदी में स्नान करने गई थी. जानकारी के मुताबिक यहीं वह दुर्लभ संक्रमण की चपेट में आई. How To Check Adulteration in Watermelon: कहीं आप भी तो नहीं खरीदते रंग की मिलावट वाला तरबूज? FSSAI के बताए तरीके से आसानी से पहचाने.
प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस क्या है
प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Primary Amoebic Meningoencephalitis) एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा बीमारी है जो मस्तिष्क के संक्रमण के कारण होती है. यह संक्रमण एक सूक्ष्म जीव नामक नेगली फाउलेरी के कारण होता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, दिमाग खाने वाले अमीबा का नाम नाइग्रीलिया फॉलेरी (Naegleria Fowleri) है. ये दूषित पानी में पाया जाता है और नाक के जरिए शरीर में घुसता है. इसके बाद धीरे-धीरे ये दिमाग में पहुंचना शुरू कर देता है और ये दिमाग के टिश्यू को खत्म करने लगता है.
PAM एक रेयर ब्रेन इंफेक्शन है. जैसे-जैसे दिमाग में ये संक्रमण फैलता जाता है, दिमाग में सूजन आने लगती है और स्थिति जानलेवा हो बन जाती है. यह गंभीर दिमागी सूजन और आमतौर पर मृत्यु का कारण बनता है.
प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के कुछ लक्षणतेज सिरदर्द
- बुखार
- जी मिचलाना और उल्टी
- गर्दन अकड़ना
- भ्रम
- दौरे
प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस बहुत दुर्लभ है, लेकिन यह एक घातक बीमारी है. शीघ्र निदान और उपचार महत्वपूर्ण है. यह आमतौर पर घातक होता है.