दिल्ली: पंजाब के विभिन्न अस्पतालों का मेडिकल स्टाफ सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर पहुंचा है. हर्षदीप कौर, जो लुधियाना के एक अस्पताल में स्टाफ नर्स के रूप में काम कर रही हैं, कहती हैं, "हम यहां आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर कोई भी बीमार पड़ता है तो हम सभी की सेवा के लिए तैयार हैं."बता दें कि दिसंबर महीने की शुरुआत से ही किसी भी बीमारी से पीड़ित प्रदर्शनकारी किसानों के मुफ्त इलाज के लिए सिंघू सीमा पर चिकित्सा सेवाएं शुरू की गई हैं. नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में किसानों ने सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर डेरा डाल दिया है. लगभग 400 किसानों ने अब तक बुखार, खांसी, शुगर, रक्तचाप, सिरदर्द की शिकायत की है और उन्हें अपेक्षित चिकित्सीय सहायता प्रदान की गई है.
डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा यहां तीन एम्बुलेंस तैनात की गई हैं. दवाओं की आपूर्ति के लिए सिंघू सीमा से 2 किमी दूर एक एम्बुलेंस रखी गई है जबकि दो एम्बुलेंस सिंघू सीमा पर खड़ी की गई हैं. यह भी पढ़ें: Farmers Protest: किसानों के समर्थन में सिंघू सीमा पर मुफ्त में टैटू बना रहे हैं पंजाब के आर्टिस्ट
देखें ट्वीट:
Delhi: Medical staff of different hospitals in Punjab reach Singhu border (Delhi-Haryana border). "We're here to support agitating farmers but we all are ready to serve if anyone falls ill," says Harshdeep Kaur, who is working as a staff nurse at a hospital in Ludhiana. pic.twitter.com/QhLSdPiEnQ
— ANI (@ANI) December 20, 2020
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, सैकड़ों किसानों का इन एम्बुलेंस में सफलतापूर्वक उपचार किया है. डॉक्टरों ने कहा कि ये सभी छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित हैं. किसी भी मरीज को कोई कोविड -19 लक्षण नहीं थे. 20 से 70 वर्ष की आयु के लोगों ने इस चिकित्सा सेवा का लाभ उठाया है.