पंजाब के टैटू आर्टिस्ट के एक समूह ने सिंघू सीमा पर एक स्टाल स्थापित किया है, जहां किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ 24 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. ये समूह विरोध स्थल पर किसानों के सपोर्ट में मुफ्त में टैटू बना रहा है. टैटू आर्टिस्ट में से एक रवींद्र सिंह ने कहा कि इस पहल के पीछे का विचार किसानों को प्रेरित करना और उन्हें विरोध की स्मृति देना है. "मैं लुधियाना से आया हूं. हम किसानों के लिए टैटू बना रहे हैं. इसके पीछे का विचार उन्हें विरोध के लिए प्रेरित करना है. हमारे पास शेर, ट्रैक्टर, फसल, किसान, पंजाब का नक्शा और प्रेरक आर्ट हैं. ये टैटू उन्हें इस बारे में याद दिलाएंगे." सिंह ने एएनआई को बताया, "हमने अब तक 30 टैटू बनाए हैं."उन्होंने कहा, "कुछ तभी संभव है जब युवा इस विरोध में शामिल होंगे.
इसके माध्यम से युवा आंदोलन में शामिल हो सकते हैं. हमें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी बहुत संदेश मिल रहे हैं. इन टैटूओं के पैटर्न में पंजाब का एक नक्शा, एक शेर का सिर, किसानों की फसलों की कटाई के चित्र, खेत के उपकरण, ट्रैक्टर को पकड़े हुए, स्लोगन, नारे, प्रेरक कोट्स आदि हैं. इन प्रेरक कोट्स में 'कर हर मैदान फतेह' और 'निश्चय कर अपनी जीत करो'. सिंह ने कहा कि टैटू की कीमत लगभग 3,500 रुपये से 5,000 रुपये है. यह समूह शुक्रवार की सुबह स्याही, टैटू मशीन, सुई और स्टेंसिल ले कर दिल्ली-हरियाणा सीमा पर पहुंचा. यह भी पढ़ें: Farmers Protest: पंजाब के विभिन्न अस्पतालों का मेडिकल स्टाफ किसानों के समर्थन में सिंघू बॉर्डर पहुंचा, देखें तस्वीरें
देखें ट्वीट:
Punjab-based artists inking tattoos for free at Singhu border to support agitating farmers
Read @ANI Story | https://t.co/CDvsUfXUtS pic.twitter.com/0LScpYAzvQ
— ANI Digital (@ani_digital) December 19, 2020
हालांकि, वे वापस जा रहे हैं क्योंकि टैटू के लिए उनकी सामग्री समाप्त हो चुकी है. सिंह ने कहा, "हम यह सोचकर नहीं आए थे कि हम कितने दिन यहां रुकेंगे. लेकिन अब तक की प्रतिक्रिया को देखते हुए, हम पूरी तैयारी के साथ वापस आएंगे."पंजाब के एक अन्य टैटू कलाकार चेतन सूद ने कहा: "यह एक अवधारणा नहीं थी, यह हमारा कर्तव्य था. हर कोई इस विरोध में योगदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है. हमारा मकसद किसानों को प्रेरित करना है. हमारे डिजाइन पंजाबी संस्कृति, खेती, और नारों पर बेस्ड हैं.
हरविंदर सिंह जो कई दिनों से विरोध स्थल पर मौजूद थे, बनवाने के बाद बहुत उत्साहित हैं. "हम भारत से प्यार करते हैं लेकिन हमारे जन्म स्थान के साथ विशेष स्नेह है. जब हम अपने घर वापस लौटेंगे, तो यह टैटू मुझे इस विरोध के बारे में याद दिलाएगा," उन्होंने कहा. बता दें कि किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसानों (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता; और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 के खिलाफ 26 नवंबर से सैकड़ों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.