Pariksha Pe Charcha 2023: चाहे बालक हो या युवा सभी के लिए परीक्षा एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही मन में एक अदृश्य भय और तनाव प्रवेश कर जाता है. इसी दबाव को कम करने के लिए पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ की परिकल्पना की. इस वर्ष 27 जनवरी, 2023 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा का आयोजन किया गया. Pariksha Pe Charcha 2023: पीएम मोदी ने छात्रों को बताया, परीक्षा के तनाव को कैसे करें दूर? देखें Video
क्या है ‘परीक्षा पे चर्चा’
परीक्षा के समय केवल विद्यार्थी ही नहीं अपितु माता-पिता के ऊपर भी दबाव रहता है. अनेक बार यह देखने में आया है कि बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी परिणाम आने से पहले ही आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. परीक्षा के इसी तनाव को दूर करने के उद्देश्य से पीएम मोदी 2016 से हर वर्ष देश भर के बच्चों से परीक्षा पे चर्चा करते हैं जिसमें वे छात्र, अभिभावक, शिक्षक जीवन और परीक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर उनके साथ बातचीत करते हैं.
‘परीक्षा पे चर्चा’- एक जन आंदोलन
छात्रों को परीक्षा के तनाव को दूर करने में मदद करने के लिए परीक्षा पे चर्चा एक जन आंदोलन के रूप में उभरा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष लगभग 38.80 लाख पंजीकरण हुए हैं, जिनमें से 16 लाख से अधिक राज्य बोर्डों से हैं. यह परीक्षा पे चर्चा – 2022 के दौरान हुए पंजीकरण (15.73 लाख) से दो गुना अधिक है. ये पंजीकरण 155 देशों से किए गए हैं. पीएम मोदी की इस अनूठी और लोकप्रिय पहल ने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, उन्हें तनाव का प्रबंधन करने के साथ-साथ स्वस्थ और फिट रहने में मदद की है. तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री के ज्ञान के लाइव शब्दों से लगभग 2400 छात्र लाभान्वित होंगे. वहीं, करोड़ों छात्र अपने-अपने स्कूलों से कार्यक्रम को लाइव देखेंगे.
‘एग्जाम वॉरियर्स’ किताब
पीएम मोदी ने विद्यार्थियों को जरूरी टिप्स देने के लिए 2018 में ‘एग्जाम वॉरियर्स’ पुस्तक लिखी थी. इस पुस्तक में छात्रों को 28 मंत्र दिए गए हैं . इतना ही नहीं पुस्तक में पीएम मोदी ने अभिभावकों के लिए भी आठ सुझाव भी दिए हैं. इस पुस्तक की अभूतपूर्व सफलता को देखते हुए, अब इसे 11 भारतीय भाषाओं यानी असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में प्रकाशित किया जा रहा है. हिंदी और अंग्रेजी के संशोधित संस्करण भी प्रकाशित किए गए हैं.
इस देश का भविष्य हैं विद्यार्थी
विद्यार्थी इस देश का भविष्य है और परीक्षा इस देश के भविष्य को बनाने के लिए है उन्हें तनाव देने के लिए नहीं है. बोर्ड परीक्षा या कोई भी परीक्षा पूरे जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं है. यह जीवन आरंभ है. इसलिए परीक्षा, परीक्षा के लिए है परीक्षा जीवन पर हावी न हो जाए, परीक्षा जीवन के आनंद को नष्ट न कर दे इस बात की प्रेरणा विद्यार्थियों को सतत दी जानी चाहिए. इसलिए समाज के सभी शिक्षकों को बुद्धिजीवियों को एवं जागरूक नागरिकों को एक साथ मिलकर अपने आसपास घर-परिवार के विद्यार्थियों को तनाव मुक्त परीक्षा देने के लिए प्रेरित करना चाहिए. पीएम मोदी ने भी कहा है कि विद्यार्थियों को जितना संभव हो दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने से बचना चाहिए, हमें दूसरे से नहीं अपितु अपने आप से स्पर्धा करना सीखना चाहिए. एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सब का यह कर्तव्य है कि बच्चों को नंबरों की अंधी दौड़ की ओर धकेलने से बचें.