'कांग्रेस राज में गृह मंत्री भी कश्मीर जाने से डरते थे, अब बर्फ से खेलते हैं... BJP ने सुशील शिंदे के बयान पर साधा निशाना
Sushilkumar Shinde | PTI

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने हाल ही में अपनी आत्मकथा 'फाइव डिकेड्स ऑफ पॉलिटिक्स' के विमोचन पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने कहा कि जब वह गृहमंत्री थे, तो उन्हें कश्मीर जाने में डर लगता था. इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने से कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हुआ है.

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दरअसल दिल्ली में अपनी किताब के लॉन्च पर शिंदे ने कहा, "जब मैं गृहमंत्री बना, उससे पहले मैं शिक्षाविद विजय धर से मिलने कश्मीर गया था. उन्होंने मुझे लाल चौक (श्रीनगर) जाने और वहां के लोगों से मिलने की सलाह दी थी. मैं वहां बिना किसी डर के गया और लोगों ने सोचा कि गृहमंत्री बेखौफ है, लेकिन असल में मैं डरा हुआ था. मैंने यह बात आपको हंसाने के लिए कही है, लेकिन एक पूर्व पुलिसकर्मी ऐसा नहीं बोल सकता."

सुशील कुमार शिंदे (Sushilkumar Shinde) ने अगस्त 2012 से मई 2014 तक यूपीए-2 सरकार में गृहमंत्री का पद संभाला था, जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. सुशील कुमार शिंदे के इस बयान ने कश्मीर में कांग्रेस की नीति और दृष्टिकोण को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. दूसरी ओर, बीजेपी अपने फैसले का समर्थन करते हुए अनुच्छेद 370 को हटाने को कश्मीर में स्थिरता और शांति का कारण बता रही है.

बीजेपी का तंज

शिंदे के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, "फर्क साफ है. कांग्रेस के शासन में गृहमंत्री कश्मीर जाने से डरते थे. मोदी युग में हर साल 2-3 करोड़ पर्यटक जम्मू और कश्मीर का दौरा कर रहे हैं. अनुच्छेद 370 को हटाने से लोकतंत्र मजबूत हुआ है, भ्रष्ट राजनीतिक परिवारों का प्रभाव कम हुआ है और कश्मीरियों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आया है."

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी तंज कसते हुए कहा, "आज राहुल गांधी कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं और बर्फबारी का मजा ले रहे हैं, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंक के दिनों में ले जाना चाहते हैं."

अनुच्छेद 370 

बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को कश्मीर में आतंकवाद कम करने का कारण बताया है. अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता देता था, जिससे राज्य का अपना संविधान और झंडा था, और वह रक्षा, संचार और विदेश मामलों को छोड़कर सभी आंतरिक मामलों में स्वतंत्र था.

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया.