नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद को आतंकवादी फंडिंग मामले में 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी है. इंजीनियर राशिद 2019 से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं, जब 2017 में उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था. इंजीनियर राशिद को आतंक फंडिंग मामले में कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम जमानत दी है ताकि वह आगामी जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए प्रचार कर सकें. राशिद का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है, और उन पर लगे आरोपों ने उनके राजनीतिक करियर पर कई सवाल खड़े किए हैं.
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इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के उद्देश्य से कोर्ट में अंतरिम जमानत की मांग की थी. ये चुनाव 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को निर्धारित हैं.
राशिद का नाम कैसे आया सामने?
इंजीनियर राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया, जिसे एनआईए ने कश्मीर में आतंकी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले में एनआईए ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. यासीन मलिक ने 2022 में अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल कर लिया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
इंजीनियर राशिद का राजनीतिक सफर
इंजीनियर राशिद ने 2008 और 2014 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में लैंगेट विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी, लेकिन असफल रहे थे. वह अपनी पार्टी आवामी इत्तेहाद पार्टी का नेतृत्व करते हैं, हालांकि 2019 का चुनाव उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ा था.