नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग (Election Commission) ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों को बड़ी खुशखबरी दी है. विस्थापित कश्मीरी पंडित अब मतदान कर सकेंगे. चुनाव आयोग ने गुरुवार रात इस बाबत अधिसूचना जारी की. तीन दशक से अधिक समय से विस्थापन का दंश झेल रहे कश्मीरी पंडितों के लिए यह एक बड़ी सौगात है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35A हटने के बाद पहली बार हो रहे लोकसभा चुनाव पर देश-दुनिया की निगाहें हैं. यह चुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण होगा. J&K Lok Sabha Elections 2024: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला लोकसभा चुनाव, इन 3 सीटों पर रहेंगी नजरें.
आतंकवाद के चलते कश्मीर घाटी से विस्थापित हुए लाखों कश्मीरी पंडितों के लिए यह चुनाव खास होगा. 80 के दशक से आतंकवाद के चलते लाखों कश्मीरी हिंदू, विशेष तौर पर कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर पूरे देश भर में बिखर गए थे. वे ऐसे बिखरे कि अपने ही देश में विस्थापित हो गए.
विस्थापित कश्मीरी पंडित वे मतदाता हैं जो बिना लोकसभा क्षेत्र के देश के अलग-अलग इलाकों में हैं. ये लाखों मतदाता इस लोकसभा चुनाव में अपना वोट दे सकेंगे. इन विस्थापित मतदाताओं को इतने दशकों में उन क्षेत्रों के मतदाताओं के रूप में पंजीकृत हो जाना चाहिए जहां वे रह रहे हैं लेकिन सरकार ऐसा करने को इसलिए तैयार नहीं थी क्योंकि वह समझती है कि ऐसा करने से कश्मीरी विस्थापितों के दिलों से वापसी की आस समाप्त हो जाएगी.