
लखनऊ, 24 फरवरी: दिल्ली के त्रिलोकपुरी से एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की पूर्व नियोजित हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसे वह महाकुंभ 2025 की धार्मिक तीर्थयात्रा की आड़ में प्रयागराज ले आया था. आरोपी अशोक कुमार ने कथित तौर पर 18 फरवरी को होमस्टे के बाथरूम में अपनी पत्नी मीनाक्षी का गला रेत दिया और फिर अपराध को छिपाने की कोशिश की. NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, 19 फरवरी को होमस्टे मैनेजर को मीनाक्षी का शव मिला, तब यह भयावह खोज हुई. पुलिस जांच में पता चला कि दंपति ने पिछली रात बिना उचित पहचान के घर में चेक इन किया था. पीड़िता की पहचान शुरू में अज्ञात थी, जिसके बाद पुलिस ने उसकी तस्वीर सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार पत्रों में प्रसारित की. यह भी पढ़ें: Delhi Shocker: सार्वजनिक शौचालय में बोरे में मिली महिला की लाश, आरोपी ने बताई हत्या की वजह
मीनाक्षी का परिवार उसकी तस्वीर पहचानकर 21 फरवरी को प्रयागराज पहुंचा और झूंसी थाने में उसकी पहचान की पुष्टि की. उसके भाई प्रवेश कुमार और बेटों अश्वनी और आदर्श ने जांच में मदद करने वाली महत्वपूर्ण जानकारी दी. शक जल्दी ही अशोक कुमार पर गया, जो हत्या के बाद गायब हो गया था. पूछताछ के दौरान, उसने अपराध कबूल कर लिया, उसने स्वीकार किया कि उसने विवाहेतर संबंध के कारण तीन महीने पहले मीनाक्षी की हत्या की योजना बनाई थी. उसने अपनी पत्नी को अपने रिश्ते में बाधा के रूप में देखा और सावधानीपूर्वक उसकी हत्या की साजिश रची.
महाकुंभ 2025 की तीर्थयात्रा की आड़ में व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या की
17 फरवरी को अशोक ने मीनाक्षी को महाकुंभ की तीर्थयात्रा पर अपने साथ चलने के लिए मना लिया. अगले दिन वे होमस्टे में रहने लगे. उस रात, एक मनगढ़ंत बहस शुरू हुई, जिसके कारण मीनाक्षी बाथरूम में चली गई, जहां अशोक ने उस पर घात लगाकर हमला किया और धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया. इसके बाद उसने खून से सने कपड़े और हत्या के हथियार को फेंक दिया और फिर घटनास्थल से भाग गया.
आरोपी ने परिवार को गुमराह करने की कोशिश की
अपने परिवार को गुमराह करने की एक सोची-समझी कोशिश में अशोक ने अपने बेटे आशीष से संपर्क किया और झूठा दावा किया कि मीनाक्षी त्योहार की भीड़ के बीच लापता हो गई है. हालांकि, मीनाक्षी के बेटे अश्विन को शक हुआ और वह 20 फरवरी को अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ प्रयागराज में अपनी खोजबीन करने के लिए गया.
सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक साक्ष्य के विश्लेषण सहित पुलिस जांच में अशोक के बयानों में विसंगतियां सामने आईं. निगरानी फुटेज में हत्या से कुछ घंटे पहले ही दंपति को साथ में दिखाया गया. इसके अलावा, अशोक के सोशल मीडिया पोस्ट, जिसमें उन्हें पवित्र स्नान करते हुए दिखाया गया था, उसके लापता होने के दावों का खंडन करते हैं. फोरेंसिक साक्ष्य, डिजिटल फुटप्रिंट और अशोक के परस्पर विरोधी बयानों के संयोजन ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त आधार प्रदान किए.
अब उस पर हत्या के आरोप हैं. पुलिस जांच में सावधानीपूर्वक योजना और अपराध की निर्मम प्रकृति को उजागर किया गया है, जिसमें मीनाक्षी को खत्म करने और अवैध संबंध बनाने की एक सुनियोजित साजिश का खुलासा हुआ है. अशोक कुमार की त्वरित गिरफ्तारी का श्रेय प्रयागराज पुलिस और पीड़ित के परिवार के संयुक्त प्रयासों को दिया जाता है, जिन्होंने उसके लापता होने की मनगढ़ंत कहानी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.