नई दिल्ली, 13 अगस्त : चीनी मांझा ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी में एक परिवार के जीवन को तबाह कर दिया है, जब एक 34 वर्षीय व्यक्ति, राखी मनाने के लिए अपने ससुराल जा रहा था तभी एक चीनी मांझे से उसका गला कटने के बाद उसकी मौत हो गई. यह घटना गुरुवार को हुई. पुलिस ने कहा कि मुंडका के राजधानी पार्क निवासी विपिन कुमार के रूप में पहचाने जाने वाला व्यक्ति अपनी पत्नी और बेटी के साथ मोटरसाइकिल पर यात्रा कर रहा था.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वह अपने घर से उत्तर प्रदेश के लोनी में अपने ससुराल जा रहा था. जैसे ही वह आईएसबीटी-सीलमपुर कैरिजवे पर शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर पहुंचा, उसकी गर्दन में एक चीनी मांझा फंस गया और वह घायल हो गया." सौभाग्य से उसी समय एक एम्बुलेंस वहाँ से गुजर रही थी, जिसने तुरंत घायल विपिन को ट्रामा सेंटर पहुँचाया, हालाँकि, उसने बीच में ही दम तोड़ दिया और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए और 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. समस्या पतंगबाजी की परंपरा से नहीं, बल्कि चीनी मांझा के नाम से मशहूर धागे से है. यह भी पढ़ें : मप्र में बांध के टूटने का खतरा : आपदा प्रबंधन के लिए सेना एवं एनडीआरएफ की टीमें पहुंची
चीनी मांझा के निर्माता इसके ऊपर कांच और धातु पाउडर कोटिंग का उपयोग करते हैं जो कभी-कभी मनुष्यों और पक्षियों को गंभीर और घातक चोट का कारण बनता है. बहुत विचार-विमर्श के बाद, दिल्ली सरकार ने 2017 में नायलॉन, प्लास्टिक या किसी अन्य सिंथेटिक सामग्री से बने पतंगबाजी के धागे की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति, आयात और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, पांच साल के प्रतिबंध के बाद भी, खतरनाक धागा अभी भी इंसानों, पक्षियों और यहां तक कि जानवरों के जीवन का दावा कर रहा है.