नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नर्सिग स्टाफ वेतन संबंधी अपनी प्रमुख मांगो को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल हड़ताल हैं. एक साथ करीब पांच हजार नर्स स्टाफ को हड़ताल पर जाने से कोरोना महामारी के बीच अस्पताल प्रशासन की परेशानी बढ़ते ही जा रही हैं. हालांकि एम्स प्रशासन हड़ताली नर्सों से कम पर लौटने के लिए कल से ही अनुरोध कर रहा है. लेकिन हड़ताली नर्सें उनकी मांगे मानने को तैयार नहीं थी. इस बीच हड़ताली नर्सो के बारे में खबर हैं कि दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स की नर्सों की हड़ताल पर रोक लगा दी है.
हड़ताल पर गए करीब पांच हजार नर्स स्टाफ को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Hight Court) में आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से कहा गया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए नर्स स्टाफ अगली सुनवाई 18 जनवरी होने तक काम पर लौंटे. कोर्ट के आदेश के बाद नर्सों को अपने काम पर वापस लौटना होगा. वहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान एम्स अधिकारियों ने कोर्ट में बताया कि यूनियन की शिकायतों और मांगों पर विचार किया जा रहा है. जिसके बाद कोर्ट ने हड़ताल खत्म करने का ये आदेश दिया. यह भी पढ़े: AIIMS Nurses’ Strike: नर्सिंग जॉब इंटरव्यू के लिए जारी विज्ञापन पर एम्स ने दिया बयान, कहा- आउटसोर्सिंग की कोई योजना नहीं थी
Delhi HC restrained AIIMS Nurses Union from continuing with their indefinite strike till next of hearing which is 18th January.
Justice Navin Chawla directs the union to restrain from strike after AIIMS said the grievances of the union were being considered by the authorities.
— ANI (@ANI) December 15, 2020
बता दें कि संविदा वेतन पर नर्सिग अधिकारियों को भर्ती के खिलाफ के साथ ही छठे वेतन की मांग को लेकर अस्पताल के फैसले के खिलाफ एम्स की लगभग 5,000 नर्सें सोमवार दोपहर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. उनकी तरफ से कहा कि जब तक एम्स प्रशासन उनकी मांगें नहीं मान लेता, तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी. इसके बाद एम्स और नर्सों में तनातनी बढ़ गई.