नर्सिंग के लिए उनके द्वारा जारी विज्ञापन पर एम्स-दिल्ली ने बयान में कहा कि,' हमारे पास नर्सों की आउटसोर्सिंग की कोई योजना नहीं है. यह केवल तभी था जब उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला किया और हमारी बात नहीं सुनी, हमने पिछले 2 दिनों में आकस्मिक योजना बनाई. उनके अनुसार, न तो वे काम करेंगे और न ही किसी और को काम करने देंगे.
बता दें कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की लगभग 5,000 नर्सों ने सोमवार (14 दिसंबर) को 6 वें केंद्रीय वेतन आयोग से संबंधित अपनी मांगों को लेकर तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया. दिल्ली एम्स नर्स संघ के अनुसार देश की शीर्ष चिकित्सा संस्था एक अनुबंध के आधार पर बाहर से नर्सों को भर्ती कर रही है. यह हड़ताल पहले 16 दिसंबर से होने वाली थी. एम्स प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी मांगों से इनकार करने के बाद दिल्ली एम्स नर्स संघ ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी सेवाएं बाधित कर दी हैं. यह भी पढ़ें: AIIMS Nurses' Strike: एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने नर्सों से हड़ताल खत्म करने का किया अनुरोध, कोरोना महामारी और 'फ्लोरेंस नाइटिंगेल' की बातों का दिया हवाला
वहीं एम्स ने एक अखबार में छपे ऐड में नर्सों के इंटरव्यू के बारे में बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, हमारे पास नर्सों की आउटसोर्सिंग की कोई योजना नहीं थी. यह फैसला तब लिया गया जब उन्होंने हमारी नहीं सुनी और हड़ताल पर जाने का फैसला लिया. हमने पिछले 2 दिनों में आकस्मिक योजना बनाई. उनके अनुसार, न तो वे काम करेंगे और न ही किसी और को काम करने देंगे.
देखें ट्वीट:
We've no plans of outsourcing nurses. It was only when they decided to go on strike & didn't listen to us, we made contingency plans in the last 2 days. According to them, neither they will work nor allow anyone else to work: AIIMS-Delhi statement on ad issued by them for nursing pic.twitter.com/j1IjV6Fgao
— ANI (@ANI) December 15, 2020
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, "उनकी 23 मांगें हैं. लगभग सभी मांगें एम्स प्रशासन और सरकार ने पूरी की हैं. मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे महामारी के समय हड़ताल पर न जाएं."
नर्स यूनियन ने दावा किया कि अक्टूबर 2019 में उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उनका वेतन छठे वेतन आयोग के अनुसार पुनर्गठित किया जाएगा, जो कि प्रशासन द्वारा किया जाना बाकी है.