नई दिल्ली: भारत के डी गुकेश ने इतिहास रचते हुए सिर्फ 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन का खिताब अपने नाम किया. उन्होंने मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर यह उपलब्धि हासिल की. गुकेश इस मुकाम तक पहुंचने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी हैं. इससे पहले यह खिताब विश्वनाथन आनंद के नाम था. जहां एक ओर देशभर में डी गुकेश (D Gukesh) की इस उपलब्धि का जश्न मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आयकर विभाग को लेकर मीम्स और तंज का सिलसिला शुरू हो गया है. कारण है, गुकेश की पुरस्कार राशि पर लगने वाला भारी-भरकम इनकम टैक्स.
गुकेश की पुरस्कार राशि और टैक्स का गणित
2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप की कुल पुरस्कार राशि $2.5 मिलियन (₹20.93 करोड़) थी. गुकेश ने तीन मुकाबले (गेम 3, 11, और 14) जीते, जिसके लिए उन्हें $600,000 (₹5.04 करोड़) मिले. चैंपियन बनने के बाद बाकी पुरस्कार राशि में से $750,000 (₹6.3 करोड़) उनके हिस्से आई. कुल मिलाकर: गुकेश ने $1.35 मिलियन (₹11.34 करोड़) की इनामी राशि जीती. अब भारत के इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, उनकी यह राशि 30% टैक्स स्लैब में आएगी.
- बेस टैक्स: ₹3 करोड़
- सरचार्ज और सेस मिलाकर: ₹4.67 करोड़ (कुल अनुमानित टैक्स).
नाराज हुए फैंस
Congrats to the Indian Tax dept for winning the World Chess Championship and earning 5 crores out of the 11 crore prize money.
— Gabbar (@GabbbarSingh) December 13, 2024
#GukeshD will have to pay more than 42% of the 11 crore prize money as income tax#GukeshWorldChampion pic.twitter.com/HBySYrV2YB
— Mridul Sharma (@msharma_1) December 13, 2024
फैंस ने निर्मला सीतारमण को किया ट्रोल
Nirmala Paati after billing 4.7 crores as tax for Gukesh. pic.twitter.com/fV1nMSlRFr
— Nibras (@nottheLingerie) December 15, 2024
nirmala sitharaman waiting at airport to tax gukesh's prize money pic.twitter.com/YEo51ipSBP
— Heeeer (@heeexv) December 13, 2024
वित्त मंत्री पर भड़के यूजर्स
Even Gukesh can't defeat the mind of Nirmala Sitaraman 🗿 pic.twitter.com/v4lbBDJ6h5
— 𝐾𝑢𝑠ℎ𝕏ᡣ𐭩 (@aryansingh2466) December 14, 2024
गुकेश का सपना और उनका भावुक संदेश
खिताब जीतने के बाद गुकेश ने कहा: "यह पल मैं पिछले 10 सालों से देख रहा था. मैं भावुक हो गया क्योंकि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं जीतूंगा. यह मेरे बचपन का सपना था. मैं 6-7 साल की उम्र से इस पल का सपना देख रहा था. हर शतरंज खिलाड़ी इसे जीना चाहता है. भगवान का धन्यवाद करता हूं कि मैंने इसे पूरा किया."
गुकेश ने अपने परिवार, कोच, और प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उनकी यह जीत भारत के युवाओं को प्रेरणा देगी.