लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर का असर अब मंदिरों पर भी पड़ने लगा है। भीड़ से संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुए उत्तर और दक्षिण भारत की प्रसिद्ध मंदिरो के या तो कपाट बंद कर दिये गये हैं या श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन करने से मना किया जा रहा है। इसको लेकर भारत सरकार भी सतर्क है। यूपी में भी योगी सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिशों में जुटी है. काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) से लेकर बुद्ध मंदिर तक प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है. खबरों के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर 24 मार्च तक के लिए रोक लगा दी गई है.
बता दें कि एहतियातन, प्रदेश में पहले ही सभी स्कूलों व कॉलेजों को दो अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। कोरोना की वजह से काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. कोरोना के बढ़ने कहर की वजह से 31 मार्च तक कोई भी श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेगा। भक्त मंदिर में बाहर से झांकी दर्शन कर करेंगे. यह भी पढ़े: कोरोना वायरस: उद्धव ठाकरे का बड़ा ऐलान-मुंबई, पुणे, नागपुर और पिंपरी-चिंचवड में सभी दुकानें और दफ्तर 31 मार्च तक रहेंगे बंद
उधर कोरोना से बचाव के लिए भगवान बुद्ध की उपदेशस्थली सारनाथ का संग्रहालय, पार्क और मंदिर सब 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. कभी जहां पर्यटकों की भीड़ होती थी, आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. सारनाथ में भगवान बुद्ध का मंदिर, संग्रहालय, पार्क सबकुछ 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया .लिहाजा पर्यटकों की आवक कम है, जो आ भी रहे हैं वो या तो वापस जा रहे हैं या गेट से ही तस्वीर उतार रहे हैं .
मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर अगली सूचना तक श्रद्धालुओं के लिए पहले ही बंद किया जा चुका है.श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कोरोना के असर को देखते हुए विदेशी नागरिकों, अप्रवासी भारतीयों और विदेश से आने वाले भारतीयों के माता वैष्णो देवी यात्रा करने पर रोक लगा दी है. इस बारे में श्राइन बोर्ड ने रविवार को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि देशभर से आने वाला कोई भी व्यक्ति अगर खांसी और जुकाम से पीड़ित है तो वह यात्रा नहीं कर पाएगा. इस एडवाइजरी के जारी होने के बाद अब ये लोग 28 दिनों तक माता वैष्णो देवी के दर्शन नहीं कर पाएंगे.