Coronavirus Lockdown: पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से निजात पाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है, लेकिन इस जानलेना वायरस (Deadly Virus) से फिलहाल निजात मिलती नहीं दिख रही है. हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए भारत समेत कई देशों ने लॉकडाउन (Lockdown) किया है. भारत में यह लॉकडाउन 21 (Lockdown 21) दिनों का है, जो 25 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल को खत्म होगा. देशव्यापी लॉकडाउन के चलते तमाम फैक्ट्रियां, कारखाने बंद हो गए हैं. इससे गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट कोरोना वायरस से बड़ा साबित हो रहा है. लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न राज्यों से मजदूर अपने-अपने घरों की ओर पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. आलम तो यह है कि ट्रेन, बस और अन्य यातायात के साधन बंद होने की वजह से लोग अपने-अपने घरों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं.
लॉकडाउन के आगे बेबस दिल्ली के रिक्शा चालक पंछु मंडल दिल्ली से पश्चिम बंगाल स्थित अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े, लेकिन अक्षरधाम फ्लाइओवर से पुलिस ने यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि उन्हें बस से उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा. पंछु मंडल का कहना है कि हम दो ड्राइवर हैं. हमें रिक्शा खींचते हुए पश्चिम बंगाल तक पहुंचने में 7 दिन लगेंगे. हमें यहां कोई काम नहीं मिल रहा है. यह भी पढ़ें: Coronavirus: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 873 हुई, अब तक गई 19 लोगों की जान
पश्चिम बंगाल के लिए पलायन
Paanchu Mandal: I was going to West Bengal. Police have turned us back, they say we'll be sent on a bus. We're 2 drivers, we would've taken turns to pull the rickshaw & reach WB. It would've taken us 7 days to reach. We are not getting any work here, don't get passengers anymore. https://t.co/LCC1BEOLPD pic.twitter.com/bABasqHk2n
— ANI (@ANI) March 28, 2020
वहीं दिल्ली और हरियाणा के विभिन्न स्थानों से पैदल चलकर प्रवासी श्रमिक, महिलाएं और बच्चे NH-24 पर पहुंचे हैं. पैदल चल रहे लोगों में शामिल आशीष का कहना है कि वो बहादुरगढ़ (हरियाणा) से आ रहे हैं और उन्हें इटावा (358.7 किमी दूर) जाना है. उनका कहना है कि कपंनी बंद हो गई है और उनके पास घर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
घर पहुंचने के लिए पैदल चलते लोग
Noida: Migrant workers, women & children reach NH-24 after walking on foot from different locations in Delhi & Haryana. A worker, Ashish says, "I'm coming from Bahadurgarh (Haryana)&have to go to Etawah (358.7 km away).My company is closed,what option do I have if not to return?" pic.twitter.com/yKZY2iZALB
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2020
दूसरी तरफ दिल्ली, गुरुग्राम और अन्य स्थानों से पैदल चलकर बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक गाजियाबाद के लाल कुआं पहुंचे. जहां से बसों में सवार होकर वो अपने-अपने घरों की ओर जा रहे हैं. यहां बसों में सवार होने के लिए लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से जंग: COVID हराने के CM केजरीवाल ने बनाया मास्टरप्लान- रोज आते हैं 100 मरीज तो भी दिल्ली तैयार
बस अड्डे पर उमड़ी लोगों की भीड़
Ghaziabad: Large number of migrant workers reach Lal Kua, after walking on foot from Delhi, Gurugram and other places, and take buses to their respective hometowns amid #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/dYB0bimeg6
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2020
गौरतलब है कि लॉकडाउन के मद्देनजर अधिकांश लोग लगातार पैदल चलकर अपने घरों की ओर चल रहे हैं, लेकिन दिल्ली और उत्तर प्रदेश बॉर्डर की तरफ उन्हें रोक दिया गया है. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों को घरों तक पहुंचाने के लिए खास बसों का इंतजाम किया गया है और बसों में सवार होने के लिए प्रवासी श्रमिकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.