स्वदेशी ‘इटोलिज़ुमाब’ से होगा कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज, इमरजेंसी उपयोग की मिली मंजूरी
वैक्सीन (Photo Credits: pixabay)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट गहराता चला जा रहा है. खासतौर पर लॉकडाउन खुलने के एक महीने बाद से भारत में संक्रमण बहुत तेजी से फैला है. फिलहाल देश में कोरोना के साढ़े आठ लाख के करीब केस आ चुके हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि इसमें से 5 लाख 34 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके है. इस बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने ने कोविड-19 (COVID-19) के मध्यम से गंभीर रोगियों के लिए इटोलिज़ुमाब (Itolizumab) के सीमित आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दे दी है.

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक इटोलिज़ुमाब (आरडीएनए मूल) एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है जिसे पहले से ही गंभीर पुरानी प्लेक सोरायसिस में उपयोग के लिए मंजूरी मिली हुई है. अब डीसीजीआई (DCGI) ने क्लिनिकल ट्रायल डेटा के आधार पर इस इटोलिज़ुमाब के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी है. यहां क्लिक कर जानें अपने राज्य का हाल

क्या है इटोलिज़ुमाब?

मेसर्स बायोकॉन 2013 से अल्ज़ुमाब ब्रांड नाम से मध्यम से गंभीर पुरानी प्लेक सोरायसिस के रोगियों के उपचार के लिए इस दवा का निर्माण और विपणन कर रही है. इस स्वदेशी दवा को अब कोविड-19 के लिए पुनर्निर्मित किया गया है.

मेसर्स बायोकॉन ने कोविड-19 के रोगियों में उत्पन्न द्वितीय चरण क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम डीसीजीआई के समक्ष प्रस्तुत किए हैं. इन परीक्षणों के परिणामों पर डीसीजीआई के कार्यालय की विषय विशेषज्ञ समिति में विवेचन किया गया. इस स्वदेशी दवा यानी इटोलिज़ुमाब के साथ उपचार की औसत लागत उन तुलनीय दवाओं की तुलना में कम है जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कोविड-19 के लिए क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में संकेतित ‘जांच चिकित्सा’ का हिस्सा हैं. भारत में कोरोना संक्रमण का टूटा रिकॉर्ड, एक दिन में सर्वाधिक 28 हजार 637 मामले दर्ज, 551 पीड़ितों की हुई मौत

गंभीर मरीजों को दे सकता है जीवनदान-

बयान में कहा गया है “विस्तृत विचार-विमर्श के बाद और समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए डीसीजीआई ने कोविड-19 की वजह से मध्यस से गंभीर तीव्र श्वसन पीड़ा लक्षण (एआरडीएस) वाले रोगियों में साइटोकिन रिलीज सिंड्रोम (सीआरएस) के उपचार के लिए कुछ शर्तों जैसे रोगियों की सूचित सहमति, एक जोखिम प्रबंधन योजना, केवल अस्पताल में उपयोग किया जाना आदि, के अधीन दवा के सीमित आपातकालीन उपयोग के तहत दवा का विपणन करने की अनुमति देने का फैसला किया है.”