नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कोविड-19 (Covid-19) महामारी से निपटने को लेकर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार (Central Government) की रणनीति के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं. हाल ही में राहुल गांधी ने कहा था कि अगर सरकार अपनी वैक्सीन (Vaccine) रणनीति को सही करने में विफल रहती है, तो भारत कई कोविड लहरों की चपेट में आ जाएगा. यहां तक कि उन्होंने देश में कोविड से हुई इतनी मौतों के लिए सीधे तौर पर केंद्र और प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है. Corona Outbreak: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना, कहा- ब्लेम गेम बंद करें
हालांकि एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, मोदी की कांग्रेस नेता की ओर से आलोचना लोगों के साथ तालमेल बिठाने में विफल रही है, क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है कि अगर राहुल गांधी को मौका दिया जाता, तो राहुल गांधी ने कोविड संकट को बेहतर तरीके से नहीं संभाला होता.
एबीपी-सी वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, 22 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अगर राहुल गांधी वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौरान प्रधानमंत्री होते, तो वे स्थिति को बेहतर तरीके से संभालते.
शहरी इलाकों में 20.1 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कांग्रेस नेता अगर देश के प्रधानमंत्री होते तो कोरोना संकट से बेहतर तरीके से निपटते, जबकि ग्रामीण इलाकों में 22.8 प्रतिशत लोग यही राय रखते हैं. वहीं, 63.1 प्रतिशत लोगों को लगता है कि नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस संकट से बेहतरीन तरीके से निपट रहे हैं, जिसे करने में राहुल गांधी नाकाम रहे होते.
शहरी क्षेत्रों में 65.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं को लगता है कि मोदी ने कोरोना संकट को सर्वोत्तम तरीके से संभाला है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 61.9 प्रतिशत लोग ऐसा ही महसूस करते हैं. कुल 14.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इस पहलू पर कुछ नहीं कह सकते.
सर्वेक्षण से यह स्पष्ट है कि महामारी के बीच राहुल गांधी की प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना ने उन्हें न तो प्रधानमंत्री पद के लिए एक लोकप्रिय उम्मीदवार बनाया है, न ही वह लोगों को यह समझा सके कि वह प्रधानमंत्री होते तो स्थिति से अधिक प्रभावी तरीके से निपट सकते थे. यह सर्वे 23 मई से 27 मई के बीच देशभर में 12,070 लोगों पर किया गया था.