Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होगा. इस भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर अमिताभ-अंबानी समेत कई VIP दिगग्गज मौजूद रहेंगे. पुजारियों का एक बड़ा समूह प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया को पूरा करेगा. प्राण प्रतिष्ठा कराने की जिम्मेदारी वाराणासी के 86 वर्षीय विद्वान पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित को मिली है. काशी के पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित (Pandit Laxmikant Mathuranath Dixit), 17वीं शताब्दी के विद्वान पंडित गंग भट (Gaga Bhatt) के प्रत्यक्ष वंशज है.
पंडित गंग भट्ट ने मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से है. वो शिवाजी जिनका राज्याभिषेक करने से ब्राह्मणों ने इनकार कर दिया था.
कई मराठा सामंत छत्रपति शिवाजी को राजा मानने को तैयार नहीं थे. वहीं जब ब्राह्मणों को राज्याभिषेक करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. ब्राह्मणों का मानना था कि क्षत्रिय ही राजा बन सकता है. शिवाजी क्षत्रिय नहीं हैं. ब्राह्मणों के इंकार के बाद वाराणसी के पंडित गंग भट की मदद ली गई. उनकी मदद से ही काशी के पंडितों का सहयोग मिला और वैदिक रीति से राज्याभिषेक हुआ.
He is Pandit Laxmikant Mathuranath Dixit from Kashi ~ direct descendant of 17th century scholar, Gaga Bhatt, who presided over the coronation of Chhatrapati Shivaji Maharaj.
Pandit Laxmikant will lead the band of priests at the consecration ceremony of Ram Lalla on 22 January. pic.twitter.com/0hgGN0D0an
— The Uttar Pradesh Index (@theupindex) December 8, 2023
छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक 6 जून को हुआ था. जो बड़े धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ था. उनके राज्याभिषेक कार्यक्रम में करीब 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल किए थे. जो करीब 4 महीने तक वहां रहे.
आपको बता दें कि राम मंदिर में 121 विद्वान प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कराएंगे. इन कार्यक्रमों की शुरुआत 16 जनवरी से ही हो जाएगी. अनुष्ठान में शामिल होने वाले ज्यादातर विद्वान काशी से हैं. पंडित लक्ष्मीकांत ने कहा कि 'मुझे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने का मौका मिला है. काशी के साधु-संतों के आशीर्वाद के कारण मुझे यह जिम्मेदारी मिली है, जिसका निर्वहन मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ करूंगा.'