चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने रविवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. एनआरसी (NRC) के आलोचकों को जवाब देते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि एनआरसी कोई इस समय का दस्तावेज नहीं है. यह 19 लाख या 40 लाख की बात नहीं है. यह भविष्य का दस्तावेज (Document for future) है. यह भविष्य का हमारा मूल दस्तावेज है, जिसके आधार पर लोग भविष्य के दावों को आधार बना सकते हैं.
चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि कुछ मीडिया संस्थानों की गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से स्थिति और खराब हो गई है, एनआरसी की जरूरत अवैध प्रवासियों की संख्या का तत्काल पता लगाने के लिए की गई थी. इसमें कुछ भी कम या ज्यादा नहीं होना था.
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NRC भविष्य का दस्तावेज-
CJI Ranjan Gogoi at launch of book 'Post Colonial Assam': This is an occasion to put things in proper perspective, National Register of Citizens (NRC), as it may finally emerge, is not a document of the moment. 19 lakhs or 40 lakhs is not the point. It's base document for future. pic.twitter.com/CdcLbctxyV
— ANI (@ANI) November 3, 2019
गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से हुई स्थिति खराब-
CJI Ranjan Gogoi: Irresponsible reporting by a few media outlets only worsened the situation. There was an urgent need to ascertain with some degree of certainty the number of illegal migrants, which is what the current exercise of NRC had attempted, nothing more nothing less. https://t.co/FlMUdOyEu9 pic.twitter.com/eFuc3Swvb9
— ANI (@ANI) November 3, 2019
सीजेआई रंजन गोगोई ने 'पोस्ट कोलोनियल असम' नाम की एक किताब के विमोचन के मौके पर ये बयान दिया है. जस्टिस गोगोई ने एनआरसी पर यह बयान जब आने वाले 17 नवंबर को वे अपने पद से रिटायर हो रहे हैं. उनके रिटायर होने तक कई ऐसे विषय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं, जिसपर ऐतिहासिक फैसलों की उम्मीद की जा रही है. जिसमें सबसे अहम अयोध्या भूमि विवाद है, जिस पर पिछले 16 अक्टूबर को आखिरी सुनवाई हुई थी.