लुधियाना से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जहाँ एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे की जान एक्सपायरी चॉकलेट खाने से चली गई. कुछ दिन पहले ही पटियाला में भी एक बच्ची की केक खाने से मौत हो गई थी. इन घटनाओं ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है - क्या हमारा खाद्य सुरक्षा विभाग अपनी जिम्मेदारी भूल गया है?
एक्सपायरी खाद्य पदार्थ: एक जानलेवा खेल
बाजार में बिकने वाले हर खाद्य पदार्थ पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है. यह तारीख बताती है कि उस खाने को कब तक सुरक्षित रूप से खाया जा सकता है. एक्सपायरी डेट के बाद खाने में बैक्टीरिया और फफूंद पनपने लगते हैं जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं.
1.5 yr old child from Ludhiana dies after consuming expiry chocolate. A few days ago, a girl from Patiala died after consuming cake.
Question: Is the food sampling department hibernating? pic.twitter.com/6S6gscz2bk
— Taruni Gandhi (@TaruniGandhi) April 20, 2024
छोटे बच्चे तो इन खतरों के प्रति और भी संवेदनशील होते हैं. उनका इम्यून सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता, जिससे वे आसानी से बीमार पड़ सकते हैं. एक्सपायरी खाना बच्चों में फूड पॉइजनिंग, उल्टी, दस्त, और कई बार जानलेवा संक्रमण भी पैदा कर सकता है.
After the Patiala Cake Bakery issue, another incident has come to light in Patiala where a family alleged that their 1.5-year-old daughter fell ill and vomited blood after eating expired chocolate. Following the family’s protest, the health department visited the shop, collected… pic.twitter.com/4A0kzPOcQw
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) April 20, 2024
खाद्य सुरक्षा विभाग की भूमिका
खाद्य सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि वो बाजार में बिकने वाले खाने की गुणवत्ता की जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि लोगों तक सुरक्षित खाना ही पहुँचे. उन्हें नियमित रूप से दुकानों का निरीक्षण करना चाहिए और एक्सपायरी खाने को बेचने वालों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए.