साल 2022 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Elections 2022) में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cheif Minister Yogi Adityanath) के 'अब्बाजान' वाले बयान के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की राजनीति गरमा गई. अब्बा जान वाले बयान के बाद जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्षी के निशाने पर आए तो बीजेपी बचाव में उतरी. बीजेपी की ओर से बयान से आया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है,
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने क्या कहा
इस मामले में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि "यह अब्बा का डब्बा की राजनीति का समय नहीं है." मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा 'यह अब्बा का डब्बा की राजनीति का समय नहीं है. यह समावेशी विकास की राजनीति है. उन्होंने कहा, सरकार किसी की भी रही हो, आज कोई नहीं कह सकता कि विकास में कोई भेदभाव हो रहा है. सभी को विकास का समान लाभ मिल रहा है. ये लोग हर किसी में धुव्रीकरण देखते हैं. हम विकास के मुद्दे पर लड़ रहे हैं. अब्बा में क्या डब्बा है. धुव्रीकरण कहां आ रहा है.'
'अब्बा जान' संबंधी टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने योगी की आलोचना की
सीएम योगी का विवादित बयान
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब कुशीनगर पहुंचे तो तो राशन के मुद्दे पर उन्होंने कुछ बातें कहीं जिसमे बातों ही बातों में उन्होंने ये भी कह डाला कि "पहले राशन अब्बजान कहने वाले हजम कर जाते थे." इसी बात को लेकर विपक्ष ने मुद्दा बना लिया. जिसके बाद योगी विपक्ष के निशाने पर आ गए.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का पलटवार
योगी के इस बयान पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ''जो अब्बाजान कहते थे, वो गरीबों का सारा राशन हजम कर गए. भारत में एक चुना हुआ सीएम धार्मिक भावनाएं भड़का रहा है, ये आईपीसी की धारा 153ए का सीधा उल्लंघन है. क्या कोई इसका संज्ञान लेगा? सुप्रीम कोर्ट? यूपी पुलिस?''
योगी ने अपने भाषण में क्या कहा था
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी ने रविवार को कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दर्शकों से पूछा था कि क्या उन्हें राशन मिल रहा है और 2017 से पहले यह राशन उन्हें कहां से मिल रहा था? मुख्यमंत्री योगी आदित्यान ने अपने भाषण में कहा था, ''क्योंकि तब 'अब्बा जान' कहे जाने वाले लोग राशन को खा जाते थे. कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था. आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा, तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा.