नई दिल्ली. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और एनपीआर (National Population Register) को लेकर देश में विरोध शुरू है. इसे लेकर कई हिस्सों से विरोध की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. बावजूद इसके मोदी सरकार के रुख में कोई नरमी नहीं आयी है. इसी बीच एक बार फिर सीएए और एनपीआर के खिलाफ बंगाल के 20 शिक्षकों ने देश की सबसे बड़ी अदालत में एक याचिका दायर की है. इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस भेजा है.
बता दें पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सूबे में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से साफ इनकार कर दिया है, साथ ही एनपीआर का भी विरोध किया हुआ है. वही नागरिकता संशोधन कानून बीते साल दिसंबर महीने में आया था. इससे पहले यह बिल दोनों सदन से पास हो चुका है.साथ ही सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है. यह भी पढ़े-CAA Protests: दिलीप घोष के गोली मारने वाले बयान पर भड़की सीएम ममता बनर्जी, कहा- यह पश्चिम बंगाल है यूपी नहीं?
ANI का ट्वीट-
Supreme Court has issued notice to Centre on a plea filed by 20 teachers from West Bengal, challenging the Citizenship (Amendment) Act and Ministry of Home Affairs notification dated 31 July 2019, to prepare National Population Register (NPR). pic.twitter.com/r68GMaTDcS
— ANI (@ANI) January 17, 2020
वही एनपीआर पर चर्चा के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जो बैठक बुलाई थी, उसमें पश्चिम बंगाल ने शिरकत करने से साफ इनकार कर दिया। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ये साफ कहा कि उनके राज्य के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। दूसरी तरफ केरल ने कहा है कि वह बैठक में शामिल होगा.