Viral Video: रूस में भारतीय पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार, बिना किसी सफाई और कारण किया डिपोर्ट, भारत एक 'सुपर पावर देश है' इस पर उठे सवाल  
रूस में भारतीय पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार (Photo: amit_tanwar_2112)

हाल ही में मॉस्को पहुंचने पर हिरासत में लिए गए लगभग नौ भारतीय पर्यटकों को रूस में दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा. 12 भारतीयों का एक समूह यात्रा के दौरान आवश्यक सभी दस्तावेज़ों के साथ मॉस्को जा रहा था. 12 पर्यटकों में से एक, अमित तंवर ने रूस के हिरासत केंद्र में अपने भयानक प्रवास को साझा किया और इसे 'अमानवीय और अपमानजनक' बताया. नौ पर्यटकों को इमिग्रेशन अधिकारियों ने बिना किसी स्पष्ट सूचना के रोक लिया और लगभग तीन दिन बाद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया. अमित तंवर ने एक संक्षिप्त इंस्टाग्राम पोस्ट में रूस में हुई घटनाओं का विवरण साझा किया है. यह सब 8 जुलाई को शुरू हुआ, जब तंवर भारतीय पर्यटकों के एक समूह के साथ मॉस्को, रूस की यात्रा कर रहे थे. लेकिन मॉस्को इमिग्रेशन विभाग ने उनमें से केवल तीन को ही अनुमति दी और अन्य नौ को बिना किसी स्पष्टीकरण के तीन दिनों तक रोके रखा. तंवर ने अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी, रूस में भारतीय दूतावास और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से आग्रह किया है. यह भी पढ़ें: रूस ने ही गिराया था फ्लाइट MH17, जिसमें 298 लोगों की हुई थी मौत, यूरोप की सबसे बड़ी अदालत का फ़ैसला

तंवर ने अपनी पोस्ट की शुरुआत उस 'महाशक्ति' के तमगे पर सवाल उठाते हुए की जिस पर भारत गर्व करता है. उन्होंने लिखा, "जो कोई भी यह सोचता है कि भारत एक महाशक्ति है या यह मानता है कि भारत-रूस संबंध मजबूत हैं, तो यह एक मिथक है. हम 12 भारतीय पर्यटकों का एक समूह हैं, जो सभी आवश्यक और वैध दस्तावेजों के साथ मास्को गए थे. 12 में से केवल 3 को मास्को इमिग्रेशन द्वारा मंजूरी दी गई, जबकि शेष 9 को बिना किसी स्पष्टीकरण के रोक दिया गया."

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हिरासत केंद्र में अमानवीय व्यवहार

8 जुलाई को, तंवर और अन्य पर्यटकों को प्रवेश से वंचित कर दिया गया और उनके पासपोर्ट छीन लिए गए. वहां मौजूद इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके फ़ोन की जांच की—जिसमें उनकी फ़ोन गैलरी, ब्राउज़िंग हिस्ट्री और YouTube गतिविधि शामिल थी. कुछ देर बाद, अधिकारियों ने डिपोर्ट का आदेश दिया और उन्हें एक छोटे से कमरे में लगभग 3 दिनों तक रोके रखा.

तंवर ने लिखा, "हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. हमारे डिपोर्ट के कारण या हमारी वर्तमान स्थिति के बारे में अधिकारियों की ओर से कोई बातचीत या स्पष्टता नहीं है. इस समय, हमें एक छोटे से, बंद कमरे में बंद कर दिया गया है, जहां न तो उचित जानकारी है और न ही बुनियादी सहायता. हमारे साथ जो व्यवहार हो रहा है वह अमानवीय है, और हम असहाय और अपमानित महसूस कर रहे हैं."

तीन दिन बाद भारत पहुंचे

गुरुवार तड़के तंवर अपने साथियों के साथ तीन दिन बाद मुंबई पहुंचे, उन्होंने बाद में एक इंस्टाग्राम स्टोरी में इसकी पुष्टि की.