लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा मामले में एक बड़ी खबर है. बुलंदशहर में तीन दिसंबर को गोकशी के शक में हुई हिंसा मामले में एडीजी इंटेलिजेंस एसपी शिरोडकर की तरफ से राज्य सरकार को रिपोर्ट सौपी गई है. इस रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही की कहीं जा रही है.आज तक न्यूज चैनेल के खबर के मुताबिक इस रिपोर्ट में विस्तार से हिंसा के घटनाक्रम को बताया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि, ये घटना तीन दिसंबर सुबह 9.30 बजे हुई, लेकिन पुलिस ने वहां पहुंचने में देरी कर दी. गोकशी की सूचना मिलने के बाद इंस्पेक्टर सुबोधाकुमार दूसरे अन्य अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद इन अधिकारियों ने गोवंश के अवशेष से लदी ट्रॉली को रास्ते में रोकने की कोशिश की. लेकिन अधिक फोर्स ना होने के कारण लोगों को जाम लगाने से नहीं रोका जा सका. जब वहां हंगामा कर रहे लोगों ने जाम लगाया, तो स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी थी. वहीं रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अगर वक्त पर पुलिस पहुंच गई होती, तो अतरौली में गोवंश के अवशेष ढोये जाने से रोका जा सकता था. एडीजी इंटेलिजेंस के रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ट्रॉली में गोवंश ले जाने की वजह से ही वहां पर हिंसा भड़की थी. यह भी पढ़े: बुलंदशहर पुलिस ने ट्विट कर बताया, अभी तक अरेस्ट नही हुआ है बुलंदशहर हमले का आरोपी योगेश राज
दरअसल , FIR दर्ज करवाने वाले लोगों की मांग थी कि गोकशी करने वालों पर रासुका लगाई जाए. पुलिस ने इस मांग को मान लिया था, लेकिन FIR की कॉपी मिलने तक का इंतजार किया गया. और इसी दौरान हिंसा हो गई. जिसकी वजह से सुबोध कुमार को अपनी जान गवानी पड़ी. यह भी पढ़े: बुलंदशहर हिंसा: एडीजी प्रशांत किशोर ने फौजी के रोल पर कहा- सुबोध कुमार सिंह की हत्या में सीधा संबंध नहीं, जांच जारी
बता दें कि तीन दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के आरोप के बाद हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी. घटना के बाद पुलिस ने इस मामले 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज की है. पुलिस इस मामले में कुछ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है. लेकिन इस हिंसा मामले में मुख्य आरोपी बजरंगज दल का जिला संयोजक योगेश राज अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.