
Nirjala Ekadashi 2025 Messages in Hindi : साल भर में मनाई जाने वाली 24 एकादशी तिथियों में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है, इसके अलावा इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी (Bhimseni Ekadashi), भीम एकादशी (Bhim Ekadashi) और पांडव एकादशी (Pandav ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत करने से दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. यह तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय है और कहा जाता है कि इस व्रत को करने से साल की सभी एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. इस साल निर्जला एकादशी का व्रत दो दिन रखा जा रहा है. 6 जून 2025 को गृहस्थ लोग स्मार्त निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं, जबकि 7 जून 2025 को वैष्णव लोग निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं.
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी में व्रती जल और अन्न को ग्रहण नहीं करते हैं. निर्जल व्रत रखकर भक्त विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन किया जाता है. इसके बाद द्वादशी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है. इस अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को हैप्पी निर्जला एकादशी कह सकते हैं.
1- विष्णु की माया बन जाऊं,
कलयुग की अनुपम कहानी बन जाऊं,
मेरे भगवन की कृपा हो जाए तो
मैं भी धनुर्धर अर्जुन बन जाऊं.
हैप्पी निर्जला एकादशी

2- विष्णु जिनका नाम हो,
वैकुंठ जिनका धाम हो,
निर्जला एकादशी के शुभ अवसर पर,
श्रीहरि को शत-शत प्रणाम.
हैप्पी निर्जला एकादशी

3- ताल बजे, मृदंग बजे,
बजे हरि की वीणा।
निर्जला एकादशी पर,
आप सभी को ढ़ेर सारी शुभकामना.
हैप्पी निर्जला एकादशी

4- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्नानाभं सुरेशं।
विश्वधारं गगनसद्शं मेघवर्णं शुभाड्गमं।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।
वंदे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।
हैप्पी निर्जला एकादशी

5- ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे।
आपके सभी संकट,
भगवान विष्णु क्षण में दूर करें.
हैप्पी निर्जला एकादशी

कहा जाता है कि महर्षि व्यास ने भीम को इस व्रत की महिमा के बारे में बताया था, जिसके बाद पांडव पुत्र भीम ने निर्जला एकादशी का व्रत किया था, इसलिए इसे भीमसैनी एकादशी कहा जाता है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को मृत्यु के बाद विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होता है. इसके अलावा मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए भी इस व्रत को लाभकारी माना जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से सालभर की सभी एकादशियों के व्रत के समान पुण्य फल प्राप्त होता है. इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है.