अगर आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो पासपोर्ट (Passport) आपकी सबसे ज़रूरी पहचान और यात्रा दस्तावेज़ होता है. भारत सरकार अलग-अलग श्रेणियों के लोगों के लिए चार मुख्य प्रकार के पासपोर्ट जारी करती है, जिनमें रंग के आधार पर अंतर होता है. आइए जानते हैं, कि भारत में कौन-कौन से पासपोर्ट होते हैं, और किसे कौन-सा पासपोर्ट मिलता है.
ब्लू पासपोर्ट (Blue Passport)
यह सबसे सामान्य और आम पासपोर्ट होता है, जिसे भारत के सामान्य नागरिकों को जारी किया जाता है. अगर आपने कभी पासपोर्ट बनवाया है, और आप किसी सरकारी सेवा में नहीं हैं, तो आपके पास नीले रंग का यही पासपोर्ट होगा. इस पासपोर्ट का उपयोग लोग टूरिज्म (Tourism), पढ़ाई, नौकरी या अन्य निजी उद्देश्यों से विदेश यात्रा करने के लिए करते हैं. यह सामान्य नागरिकों की अंतरराष्ट्रीय पहचान का दस्तावेज़ होता है, जो उन्हें विदेशों में वैध यात्रा की अनुमति देता है.
व्हाइट पासपोर्ट (White Passport)
व्हाइट पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा केवल सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है, जैसे कि आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) या अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी, जो किसी आधिकारिक कार्य के लिए विदेश यात्रा करते हैं. इसे ऑफिशियल पासपोर्ट (Official Passport) भी कहा जाता है. इस पासपोर्ट के धारकों को विदेश यात्रा के दौरान इमिग्रेशन (Immigration) और अन्य प्रक्रियाओं में विशेष प्राथमिकता मिलती है. व्हाइट पासपोर्ट यह दर्शाता है, कि व्यक्ति सरकारी कामकाज से विदेश जा रहा है, इसलिए उसे कई तरह की सुविधाएं और सुरक्षा भी प्रदान की जाती है.
मैरून पासपोर्ट (Maroon Passport)
मैरून पासपोर्ट केवल राजनयिकों (Diplomats) और उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है, जो भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश यात्रा करते हैं. इस पासपोर्ट को डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) भी कहा जाता है. मैरून पासपोर्ट धारकों को डिप्लोमैटिक इम्युनिटी (Diplomatic Immunity) मिलती है, यानी उन्हें अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत कई तरह की कानूनी छूट प्राप्त होती है.
इसके अलावा, ऐसे पासपोर्ट धारकों को कई देशों में वीजा की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे उनकी यात्रा प्रक्रिया तेज़ और आसान हो जाती है. यह पासपोर्ट विशेष अधिकारों और सुविधाओं के साथ आता है.
ऑरेंज पासपोर्ट (Orange Passport)
ऑरेंज पासपोर्ट भारत सरकार ने साल 2018 में शुरू किया था. यह पासपोर्ट उन नागरिकों को दिया जाता था जिन्होंने 10वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई नहीं की थी. इस पासपोर्ट की खास बात यह थी कि इसमें धारक का पता नहीं होता था. इसका उद्देश्य यह था कि विदेश यात्रा पर जाने वाले कम शिक्षित नागरिकों की पहचान अलग से की जा सके. हालांकि, इसे लेकर काफी विवाद हुआ और लोगों ने इसकी आलोचना की कि इससे भेदभाव बढ़ेगा. इसी कारण सरकार ने इस फैसले को जल्दी ही वापस ले लिया और ऑरेंज पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया बंद कर दी गई.
ई-पासपोर्ट (E-Passport)
ई-पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा 2023 में शुरू की गई एक तकनीकी उन्नति है. इस पासपोर्ट में एक खास तरह की बायोमेट्रिक चिप (Biometric Chip) लगी होती है, जिसमें यात्री की सारी ज़रूरी जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पासपोर्ट नंबर, फिंगरप्रिंट और फोटो डिजिटल रूप में दर्ज होती है. यह सुविधा ब्लू, व्हाइट और मैरून – तीनों तरह के पासपोर्ट में दी जा रही है.
ई-पासपोर्ट से न केवल सुरक्षा स्तर बढ़ जाता है, बल्कि इमिग्रेशन और वेरिफिकेशन प्रक्रिया भी तेज़ और आसान हो जाती है. इससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी सुविधा मिलती है, और फर्जीवाड़ा रोकने में भी मदद मिलती है.
हर पासपोर्ट का रंग उसकी श्रेणी और उद्देश्य के अनुसार तय किया गया है. अगर आप पासपोर्ट बनवा रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है, कि आप किस प्रकार के पासपोर्ट के पात्र हैं.













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