Vadodara Flood: भाजपा को 'अयोध्या जैसी' चुनावी हार की चेतावनी, वडोदरा में बाढ़ को लेकर स्थानीय लोगों ने जताया गुस्सा
Gujarat Floods | PTI

Vadodara Flood: गुजरात के वडोदरा में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. बाढ़ का पानी घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में घुसने से कीमती वाहन और घरेलू सामान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. शहर की मुख्य सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिससे यातायात जाम हो गया है और आम आवाजाही बाधित हो रही है. इस बीच, मगरमच्छों के घरों और दुकानों में घुसने के कई वीडियो भी सामने आए।.समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि पानी कम होने के बाद रिहायशी इलाकों से कम से कम 24 मगरमच्छों को बचाया गया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ के कारण शहर में फैली गंदगी से स्थानीय लोगों में गुस्से का माहौल है. उन्होंने भाजपा पार्षदों, विधायकों और नेताओं के लापरवाह रवैये पर अपनी नाराजगी जताई है. विधायक मनीषा वकील और बालकृष्ण शुक्ला जब रिहायशी सोसायटियों में गए तो उन्हें वहां से जाने को कहा गया.

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वड़ोदरा के क्षेत्रीय लोग भाजपा की 'अयोध्या जैसी हार' की धमकी देने वाली तख्तियां लेकर निवासी वडोदरा नगर निगम (VMC) कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने वीएमसी आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा. इसमें लंबे समय से लंबित नगर नियोजन योजना के क्रियान्वयन की मांग की गई, जिसका उद्देश्य विकास परियोजनाओं को सुव्यवस्थित करना और जलभराव को कम करना है. इसके अलावा विश्वामित्री के किनारे अनियोजित शहरी विकास को बाढ़ का मूल कारण बताया गया. पत्र में कहा गया है, "बाढ़ का कारण यह है कि शहर तैयार नहीं था, जिसके कारण हर प्राकृतिक जल निकासी अवरुद्ध हो गई और अवशोषण और वहन क्षमता कम हो गई.

बता दें, बाढ़ से कुछ हफ्ते पहले ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने 1,200 करोड़ रुपये के बजट वाली एक दशक पुरानी वाहो विश्वामित्री परियोजना को मंजूरी दी थी, जो एक व्यापक नदी पुनरुद्धार योजना है. इसमें विश्वामित्री से जुड़े जल निकायों, सहायक नदियों, झीलों और तालाबों का विकास और रखरखाव, अपशिष्ट प्रबंधन, खड्डों में मलबा डालने पर प्रतिबंध और नदी के किनारे जैविक खेती का विकास शामिल है. पर्यावरणविदों का मानना ​​है कि अगर परियोजना को पहले मंजूरी मिल जाती, तो बाढ़ से बचा जा सकता था.