लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रहने वाले मोहम्मद शरीफ उर्फ़ शरीफ चाचा (Mohammad Sharif) जिन्हें लोग लावारिस लाशों के सहारा के रूप में जानते हैं. जिन्होंने अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. जिन्हें लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने के लिए साल 2020 में पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा हुई है. लेकिन सरकार की तरह से इस अवार्ड की घोषणा को एक साल बाद भी उन्हें यह सम्मान अभी तक नहीं मिला. इस बीच उनकी तबियत पिछले दो महीने से खराब चल रही है और वे अपनी अंतिम सांसे गिन रहे हैं. ऐसे में वे चाहते है कि उनको भारत का सबसे बड़ा सम्मान मिल जाए.
वहीं मोहम्मद शरीफ की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से वह अपना ठीक ढंग से इलाज भी नहीं करवा पा रहे थे. उनके पास पैसे नहीं होने के चलते वे किसी बड़े अस्पताल में अपना इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. इस बीच उनके बीमारी की खबर मीडिया में आने के बाद प्रशासन उनका सुध लिया. प्रशासन की तरफ से उनका अब इलाज करवाया जा रहा हैं. यह भी पढ़े: अब तक 25 हजार से अधिक लावारिस लाशों का कर चुके है अंतिम संस्कार, जानें कौन है पद्म श्री सम्मानित चाचा शरीफ
Ayodhya: Mohammad Sharif, who was named for Padma Shri for cremating unclaimed bodies, says he has yet to receive the award.
"I heard the news about it on TV but have not received the award so far. I fell ill nearly two months ago," he says. pic.twitter.com/JTCeFY17Ye
— ANI UP (@ANINewsUP) February 20, 2021
बता दें कि अयोध्या में जिन्हें मोहम्मद शरीफ चाचा के नाम से जानते हैं. जिनकी उम्र 85 साल है. आज से करीब 28 साल पहले उनके बेटे सुल्तान की किसी ने हत्या कर दिया. उन्होंने अपने बेटे का शव बहुत ढूंढा लेकिन कहीं कोई खबर नहीं लगा. जिसके बाद उन्होंने लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने लगे. पिछले 28 सालों में उन्होंने हिदू-मुस्लिम दूसरे अन्य धर्मों के मिलाकर करीब 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अपने पैसों से अंतिम संस्कार कर चुके हैं.