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अटल जी को बेटी नमिता ने दी मुखाग्नि, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

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नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया. वाजपेयी की हालत पिछले 24 घंटों में काफी बिगड़ गई थी और उन्हें पिछले तीन दिन से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. लेकिन लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को एम्स में निधन हो गया. एम्स की जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार, 16 अगस्त, शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली. बता दें कि वह 94 साल के थे. अटल बिहारी वाजपेयी को इसी साल 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था.

शाम 4 बजे अंतिम संस्कार

अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह 8 बजे बीजेपी मुख्यालय पर रखा जाएगा. 9 बजे से एक बजे के बीच पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. फिर दोपहर 1 बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी जो कृष्णा मेनन मार्ग से होते हुए अकबर रोड, इंडिया गेट, तिलक मार्ग, आईटीओ होते हुए करीब 4 बजे यमुना नदी के किनारे स्मृति स्थल पहुंचेगी और वहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

वहीं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की खबर लोगों को पता चला तो पूरा देश गमगीन हो गया. चारो तरफ शोक की एक लहर दौड़ पड़ी. क्या आम क्या खास सभी अपने-अपने अंदाज में अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने लगे. वहीं राष्ट्रपित रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी सहित देश की सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, " मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है. हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे. अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना, एक युग का अंत है.

सात दिनो के राष्ट्रीय शोक

बता दें कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद केंद्र सरकार ने वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है. इस दौरान भारत और विदेश में भारतीय दूतावासों में 16 अगस्त से 22 अगस्त के बीच राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

ऐसा रहा सफरनामा

अटल बिहारी वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है. वाजपेयी 3 बार भारत के प्रधानमंत्री रहे. पहली बार वह 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी. साल 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी. 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया.

अटल बिहारी वाजपेयी को 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी को दुर्गा कहकर प्रशंसा करने के लिए भी जाना जाता है. उनमें विदेश नीति मुद्दे की विशिष्ट योग्यता थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार कांफ्रेंस में पाकिस्तान के कश्मीर अभियान का जवाब देने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुना था.