Drishti 10 Starliner Drone Crash: गुजरात के पोरबंदर में अडानी डिफेंस की दृष्टि 10 ड्रोन क्रैश, नौसेना को सौंपे जाने से पहले हादसे का शिकार

गुजरात के पोरबंदर तट पर आदानी डिफेंस एंड एरोस्पेस द्वारा निर्मित दृष्टि ड्रोन 10 स्टारलाइना ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह घटना उस समय हुई जब ड्रोन भारतीय नौसेना को सौंपे जाने से पहले परीक्षण के दौर से गुजर रहा था. इस दुर्घटना में किसी भी व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है, और न ही कोई अतिरिक्त नुकसान हुआ है.

ड्रोन क्रैश के कारण क्या थे?

सूत्रों के अनुसार, दृष्टि 10 ड्रोन उड़ान के दौरान अचानक अपना नियंत्रण खो बैठा और पानी में गिर गया. यह ड्रोन उस समय निर्माता द्वारा संचालित किया जा रहा था. दुर्घटना के बाद ड्रोन को पुनः प्राप्त कर लिया गया है, और इसकी जांच जारी है. प्रारंभिक रिपोर्ट्स में यह संभावना जताई जा रही है कि तकनीकी कारणों की वजह से यह हादसा हुआ. हालांकि, पूरी जांच के बाद ही इसकी सही वजह का पता चल सकेगा.

दृष्टि ड्रोन 10 स्टारलाइना ड्रोन के विशेषताएं

दृष्टि 10 स्टारलाइना ड्रोन, आदानी डिफेंस एंड एरोस्पेस के हैदराबाद स्थित कारखाने में निर्मित किया गया है. यह एक अत्याधुनिक इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉन्ग्नेस (ISR) प्लेटफॉर्म है, जो 36 घंटे की सहनशीलता और 450 किलोग्राम पेलोड क्षमता के साथ आता है.

दृष्टि 10 भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है, क्योंकि यह समुद्र के बड़े क्षेत्रों की निगरानी करने में सक्षम है. इसकी विशेषता यह है कि यह एकमात्र मानव रहित सैन्य प्लेटफॉर्म है जिसे STANAG 4671 प्रमाणपत्र प्राप्त है.

यह ड्रोन ओवर द होरिज़न, निरंतर मल्टी-पेलोड, पूरी तरह से स्वायत्त संचालन और SATCOM आधारित कार्यक्षमता के साथ आता है. इसके पंखों पर चार हार्ड प्वाइंट्स और विशेष मिशनों के लिए एक बड़ा आंतरिक बे है, जो इसे और भी प्रभावी बनाता है.

तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन युद्धपोतों की कमीशनिंग भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को एक नई दिशा देने का संकेत है. यह भारत के समुद्री सुरक्षा और रक्षा शक्ति में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख रक्षा निर्माता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.

दृष्टि 10 स्टारलाइना ड्रोन की दुर्घटना भारतीय रक्षा प्रणाली के लिए एक चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह तकनीकी कारणों के कारण हुई घटना की जांच के बाद इसे सुधारने की दिशा में एक कदम हो सकता है. भारतीय नौसेना के लिए यह ड्रोन समुद्रों की निगरानी और सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत कदम उठाए जाएंगे.