Fake Driving Test In Mumbai: 'फेक टेस्टिंग' के जरिये 76 हजार ड्राइविंग लाइसेंस जारी, मुंबई आरटीओ के ऑडिट में खुलासा, मामलें की जांच शुरू
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Fake Driving Test In Mumbai : ठाणे के सामाजिक कार्यकर्त्ता बिनु वर्गीस ने एक खुलासा किया था. जिसमें उन्होंने जानकारी दी थी की ' फेक टेस्टिंग ' के आधार पर 76 हजार लाइसेंस जारी किए गए है. इसके बाद अब मुंबई आरटीओं जांच में जुट गई है. इस खुलासे के बाद सड़कों पर गाड़ियां चलानेवाले हजारों वाहनचालक स्किल के बिना वाहन चला रहे है.

ऐसा सामने आया है.महाराष्ट्र के महालेखापाल की ओर से हैरान करनेवाला खुलासा किया गया है. अंधेरी , मुंबई स्थित प्रादेशिक परिवहन कार्योलय (आरटीओ) ने पिछले साल ' फेक ड्राइविंग टेस्ट ' के आधार पर 76 हजार लाइसेंस जारी किए थे. इस मामले में खुलासे के बाद आरटीओं ने इस मामले की जांच शुरू की है. ड्राइविंग टेस्ट और ड्राइविंग लाइसेंस के डॉक्यूमेंट में सहयोग करनेवाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है. ये भी पढ़े :समृद्धि एक्सप्रेसवे बड़ा हादसा, 2 वाहनों की टक्कर में 7 लोगों की मौत, 3 अन्य घायल

ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन की प्रक्रिया से सारथी ऑनलाइन डेटा से 1.04 लाख लाइसेंस जांच के दौरान ये घोटाला सामने आया है. ऑडिट में 1.04 लाख लाइसेंस की जांच की गई. इसमें से 75 प्रतिशत लगभग 76, 354 ड्राइविंग लाइसेंस 2023-2024 में जारी किए गए थे. इसमें अवैध वाहनों पर संदिग्ध ड्राइविंग टेस्ट लिए गए थे.

ठाणे के सामाजिक कार्यकर्ता बिनु वर्गीस की जानकारी के बाद आरटीओं के अधिकारियों ने इस मामलें का खुलासा किया है. लेकिन इसके कारण अब सड़कों पर गाड़ियां चलानेवाले हजारों चालकों के स्किल पर प्रश्नचिन्ह लगा गया है. दुपहिया वाहनों के लिए 41,093 तो वही फोर व्हीलर के लिए 35,261 लाइसेंस दिए गए थे. इसमें लेखा परीक्षकों ने निष्कर्ष निकाला है की लाइसेंस फोर व्हीलर के लिए जारी किए गए थे, लेकिन ड्राइविंग टेस्ट दुपहिया वाहनों का लिया गया.

महालेखापाल ने बताया की ड्राइविंग लाइसेंस की जांच में डॉक्यूमेंट तैयार करते समय सही प्रक्रिया नहीं की गई, या फिर आरटीओं निरीक्षक की ओर से वाहनों से संबंधित जांच नही की गई.

एक आरटीओं अधिकारी की जानकारी के मुताबिक़ ये तो केवल अंधेरी आरटीओं का ऑडिट डेटा है और महाराष्ट्र में ऐसे 53 आरटीओं है. इसके साथ ही पूरे देश में 1100 से ज्यादा आरटीओं है. ऐसा खेल वहां भी चल रहा होगा.हर साल कुल 1. 20 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाते है. इसका भी ऑडिट होना चाहिए.