नई दिल्ली, 2 अगस्त : भारत ने 5जी स्पेक्ट्रम के कुल 71 प्रतिशत के लिए 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ अपनी मेगा 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है. यहां राशि के साथ-साथ विभिन्न बैंडों का समग्र ब्रेकअप है, जिसमें शामिल हैं: सुपर-महंगा 700 मेगाहट्र्ज बैंड जिसमें 5-10 किमी की सीमा होती है जो घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लिए अच्छा आधार कवरेज देता है. बैंड के हिसाब से देखें तो 700 मेगाहट्र्ज बैंड के लिए 39,270 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई. सबसे लोकप्रिय 3300 मेगाहट्र्ज बैंड की बोली 80,590 करोड़ रुपये और 1800 मेगाहट्र्ज बैंड को 10,376 करोड़ रुपये की बोली मिली. 26 मेगाहट्र्ज बैंड को 14,709 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं, जबकि 800 मेगाहट्र्ज बैंड को 1,050 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं. लगभग 650 करोड़ रुपये 2500 मेगाहट्र्ज बैंड में गए जबकि 349 करोड़ रुपये 900 मेगाहट्र्ज बैंड में गए. 2100 मेगाहट्र्ज एयरवेव्स को 3,180 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं.
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो भारत की 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी, जिसने 88,078 करोड़ रुपये के 24,740 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का अधिग्रहण किया. सुनील मित्तल की भारती एयरटेल 43,084 करोड़ रुपये के विभिन्न बैंडों में 19,867 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम के साथ दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी थी. तीसरे स्थान पर वोडाफोन आइडिया को 18,784 करोड़ रुपये के 2,668 मेगाहट्र्ज प्राप्त हुए, जबकि अदाणी समूह की एक इकाई ने 212 करोड़ रुपये के 26 गीगाहट्र्ज बैंड में 400 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया. यह भी पढ़े : भारत अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मंदी के कोई संकेत नहीं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
कुल मिलाकर, देश ने इस नवीनतम नीलामी में कुल 5जी स्पेक्ट्रम के 71 प्रतिशत के लिए 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां देखीं. नीलामी के लिए लगभग 72,098 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई थी और उसमें से 51,236 मेगाहट्र्ज की बिक्री हो चुकी है. रिलायंस जियो ने सभी 22 स*++++++++++++++++++++++++++++र्*लों में अधिक महंगा 700 मेगाहट्र्ज लिया. बैंड की रेंज 5-10 किमी से है जो अच्छा बेस कवरेज देती है.