Voda-Idea को लेकर बड़ी अपडेट, कंपनी में सरकार की होगी एंट्री, बकाये ब्याज के बदले केंद्र को मिलेगी 36% हिस्सेदारी
वोडाफोन आइडिया (Photo Credit: Facebook)

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (Vodafone Idea Limited) के बोर्ड ने एजीआर (AGR) बकाया और स्पेक्ट्रम ब्याज (Spectrum Interest) को इक्विटी (Euity) में बदलने को मंजूरी दे दी है, जिससे सरकार दूरसंचार कंपनी में लगभग 36% हिस्सेदार (Shareholder) बन गई है. कंपनी ने एक फाइलिंग में घोषणा की, "अब यह सूचित किया जाता है कि निदेशक मंडल ने 10 जनवरी, 2022 को हुई अपनी बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों और एजीआर बकाया से संबंधित इस तरह के ब्याज की पूरी राशि को इक्विटी में बदलने को मंजूरी दे दी है." यह उम्मीद की जाती है कि सरकार कंपनी के कुल बकाया शेयरों (Total Outstanding Shares) का लगभग 35.8% हिस्सा रखेगी, जबकि प्रमोटर शेयरधारकों वोडाफोन समूह (Vodafone Group) की हिस्सेदारी लगभग 28.5% और आदित्य बिड़ला समूह (Aditya Birla Group) की हिस्सेदारी लगभग 17.8% होगी. यह भी पढ़ें: Airtel, Vodafone, Idea ने मार्च में तीन करोड़ ग्राहक गंवाए, Jio ने 94 लाख जोड़े

आंशिक रूप से घाटे से उबरने से पहले, एनएसई पर वोडाफोन आइडिया के शेयर आज लगभग 19% गिरकर 12.05 रुपये पर आ गए. दूरसंचार विभाग द्वारा अंतिम पुष्टि के बाद, ब्याज का शुद्ध वर्तमान मूल्य लगभग 16,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, कंपनी ने कहा. सरकार को इक्विटी शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के बराबर मूल्य पर जारी किए जाएंगे.

फिच रेटिंग्स में कॉरपोरेट्स के वरिष्ठ निदेशक नितिन सोनी ने कहा कि सरकार द्वारा एजीआर के ब्याज हिस्से और 4 साल के लिए स्पेक्ट्रम बकाया का मुद्रीकरण करने का विकल्प प्रदान करने के लिए वोडाफोन आइडिया को टार्केगेट दिया गया था. कंपनी को ऐसी नकदी संकट की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इससे कंपनी को कुछ किअश फ्लो से राहत मिलेगी और उन्हें अपने 4जी स्पेक्ट्रम का विस्तार करने में मदद मिलेगी.

हालांकि, सोनी ने कहा कि कंपनी पूंजीगत खर्च (Capex) पर पर्याप्त निवेश नहीं कर रही है और उसे नए इक्विटी निवेश (Fresh Equity Investments) की जरूरत है. सोनी ने कहा कि किसी भी नए निवेशक के लिए वोडाफोन आइडिया में पैसा लगाना चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि प्रतिद्वंद्वियों भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के पास अब तक की मजबूत बैलेंस शीट हैं. “12-18 महीनों में स्थिति तेजी से बदलेगी, और वोडाफोन आइडिया में नए इक्विटी निवेश (Equity Investments) खोजने में देरी से उनकी प्रतिस्पर्धी बाजार की स्थिति और कमजोर होगी. कुल मिलाकर, छोटी अवधि में मुझे नहीं लगता कि कोई बड़ा निवेशक टेलीकॉम में अपना पैसा लगाएगा, ”उन्होंने कहा.

सितंबर 2021 में सरकार द्वारा शुरू किए गए नए दूरसंचार सुधारों में दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को इक्विटी शेयरों में बकाया राशि को कवर करने का विकल्प प्रदान किया. बता दें कि वोडाफोन आइडिया रिलायंस जियो द्वारा आकर्षक डेटा पैक के साथ बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने के बाद से कंपनी नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए संघर्ष कर रही है.