
Kesari Veer Review: 'केसरी वीर' एक ऐतिहासिक फिल्म है जो 14वीं सदी के राजपूत योद्धा हमीरजी गोहिल की कहानी पर आधारित है—एक ऐसा नाम जो इतिहास की किताबों में अक्सर छूट जाता है, लेकिन जिनकी मूर्ति आज भी सोमनाथ मंदिर परिसर में स्थापित है. यह फिल्म उनकी वीरता, त्याग और युद्ध में दिखाए गए अदम्य साहस को श्रद्धांजलि देती है, लेकिन यह श्रेयस कथा, तकनीकी कमजोरियों और भावनात्मक जुड़ाव की कमी के कारण पूरी तरह से प्रभाव छोड़ने में असफल रहती है. सुनील शेट्टी, विवेक ओबेरॉय, सूरज पंचोली की पीरियड ड्रामा 'केसरी वीर' का ट्रेलर रिलीज
फिल्म की शुरुआत शानदार लोकेशन्स और हाई-वोल्टेज एक्शन सीन से होती है, जहां हमीरजी (सूरज पंचोली) दुश्मनों से लड़ते हैं और प्रताड़ित महिलाओं को मुक्त कराते हैं. कहानी धीरे-धीरे सोमनाथ मंदिर की ओर बढ़ती है, जहां असली युद्ध की तैयारी होती है.फिल्म में उनका लव एंगल भी दिखाया गया है. आकांक्षा शर्मा ने उनके लव इंट्रेस्ट का किरदार निभाया है.

सूरज पंचोली ने अपना रोल ईमानदारी से निभाया है, लेकिन उनके किरदार को गहराई नहीं मिल पाती. सुनील शेट्टी, जो वेगड़ा भील के किरदार में हैं, फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष साबित होते हैं. उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस और गंभीर अभिनय फिल्म को एक स्थायित्व देते हैं. दूसरी ओर, विवेक ओबेरॉय एक खलनायक ज़फ़र ख़ान के रोल में ज़्यादा ओवरएक्ट करते हैं, जो किरदार की गंभीरता को कमज़ोर करता है.
कहानी तो दमदार है, पर स्क्रीनप्ले में इतनी धीमापन है कि फिल्म का पहला हिस्सा खिंचता हुआ लगता है. डायलॉग्स में वो धार नहीं जो ऐसी ऐतिहासिक फिल्म में अपेक्षित होती है. कई सीन्स, जैसे हाथों से तोप पलटना, विश्वास करने लायक नहीं लगते और सीधे हास्य का कारण बन जाते हैं. VFX और तकनीकी पहलुओं की बात करें तो फिल्म निराश करती है. कई सीन ‘बाहुबली’ या ‘छावा’ से प्रभावित लगते हैं, लेकिन उनमें मौलिकता और परिपक्वता की कमी है. स्लो-मोशन्स का ओवरडोज़ और बार-बार दोहराए जाने वाले कैमरा एंगल्स दृश्य अनुभव को कमजोर करते हैं.
फिल्म में भावनात्मक जुड़ाव की भारी कमी है. हमीरजी जैसे महान योद्धा की कहानी को दिल से महसूस कराने के लिए जिस गहराई की ज़रूरत थी, वह स्क्रिप्ट और निर्देशन में नहीं दिखती. अगर फिल्म की लंबाई 30 मिनट कम होती और भावनाओं को ठीक से उभारा जाता, तो यह एक यादगार फिल्म बन सकती थी.
देखें 'केसरी वीर' ट्रेलर:
हालांकि, फिल्म का इरादा सराहनीय है. ऐसे अनसुने योद्धाओं की गाथा को सिनेमा के ज़रिए सामने लाना चाहिए. अगर आप ऐतिहासिक ड्रामा फिल्मों के शौकीन हैं, या आपको वीरता की कहानियों में रुचि है, तो एक बार इस फिल्म को देखा जा सकता है, खासकर सुनील शेट्टी के दमदार अभिनय के लिए.
‘केसरी वीर’ एक बेहतरीन विचार को लेकर बनी फिल्म है, लेकिन उसके निष्पादन में कई कमियां हैं. निर्देशक को चाहिए था कि वह इस कहानी को और गहराई और परिपक्वता के साथ पेश करते. यह फिल्म उस वीरता की झलक तो देती है, पर पूरी रौशनी नहीं. फिल्म को 5 में से 2 स्टार.