नयी दिल्ली: हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पाठ करने को लेकर विवाद के बाद राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहीं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके विधायक पति रवि राणा (Ravi Rana) ने बुधवार को विवादास्पद कानून पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा रोक लगाये जाने का स्वागत किया. साथ ही राणा दम्पति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों को ‘लक्षित’ करने के लिए ‘ब्रिटिश युग’ के कानून का उपयोग करने का भी आरोप लगाया. Maharashtra: नवनीत राणा की जमानत रद्द करा सकती है ठाकरे सरकार, मनाही के बावजूद मीडिया में दिया था बयान
राणा दंपति ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा की कि वे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आगामी चुनाव में शिवसेना के ‘भ्रष्टाचार के शासन’ को ‘‘उखाड़ने’’ की दिशा में काम करेंगे, जो देश के सबसे अमीर निकायों में से एक है.
बीएमसी का वार्षिक बजट 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है. बीएमसी में शिवसेना 1996 से शासन में है. अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा ने कहा कि वह शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा के पाठ का नेतृत्व करेंगी और शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के शासन से महाराष्ट्र को ‘‘बचाने’’ के लिए प्रार्थना करेंगी.
ठाकरे का शनिवार को मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. नवनीत राणा के साथ महाराष्ट्र के बडनेरा से निर्दलीय विधायक एवं उनके पति रवि राणा भी थे. उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे पर लीलावती अस्पताल को ‘निशाना बनाने’ को लेकर हमला बोला जहां जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद उनकी चिकित्सीय जांच हुई थी.
राणा दंपति को 23 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 124-ए के तहत गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने घोषणा की थी कि वे उपनगरीय बांद्रा स्थित ठाकरे के निवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.
उच्चतम न्यायालय ने देशभर में राजद्रोह के मामलों में सभी कार्यवाहियों पर बुधवार को रोक लगा दी और केंद्र एवं राज्यों को निर्देश दिया कि जब तक सरकार का एक ‘‘ उचित मंच’’ औपनिवेशिक युग के कानून पर फिर से गौर नहीं कर लेता, तब तक राजद्रोह के आरोप में कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए.
नवनीत राणा ने शिवसेना नेताओं किशोरी पेडनेकर और मनीषा कायंदे को लीलावती अस्पताल में डॉक्टरों के साथ उनकी मेडिकल रिपोर्ट पर ‘‘सार्वजनिक रूप से चर्चा’’ करने के लिए भी आड़े हाथ लिया.
नवनीत राणा ने कहा, ‘‘अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों को निशाना बनाने के लिए राजद्रोह कानून लाए. सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए हम पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. हमें आज उच्चतम न्यायालय से न्याय मिला है. मैं इसके लिए अदालत, कानून मंत्री और प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हूं.’’
उन्होंने शिवसेना पर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता के लिए अपनी ‘‘लालसा’’ में भाजपा को ‘‘धोखा’’ देने का भी आरोप लगाया. रवि राणा ने कहा, ‘‘आपने सत्ता की लालसा के कारण भाजपा को धोखा दिया. प्रधानमंत्री मोदी के नाम और फोटो का इस्तेमाल करने के बाद आपको वोट मिले. आपने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाल ठाकरे को महाराष्ट्र में घटनाक्रमों पर दुख हो रहा होगा ... उनके बेटे ने सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए क्या किया है.’’
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