डब्ल्यूएचओ ने कहा, डेल्टा स्वरूप के खिलाफ किए गए उपाय ओमीक्रोन से निपटने में भी कारगर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (Photo Credits: Wikimedia Commons)

मनीला, 3 दिसंबर : पश्चिमी प्रशांत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अधिकारियों ने कहा है कि कुछ देशों द्वारा सीमा बंद करने के उपाय को अपनाया जाना कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से निपटने के लिए समय दे सकता है, लेकिन वैश्विक महामारी से लड़ने की नींव डेल्टा स्वरूप से निपटने के लिए किए गए उपाय और उससे प्राप्त अनुभवों द्वारा रखी जानी चाहिए. शुक्रवार को फिलीपीन के मनीला से प्रसारित ऑनलाइन समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि पश्चिमी प्रशांत के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ताकेशी कसई ने कहा कि जहां कुछ देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, और कई अन्य देशों में मामले कम आए हैं और मौत में कमी आई है. उन्होंने कहा, “इन सबमें अच्छी खबर यह है कि ओमीक्रोन के बारे में हमारे पास कोई भी ऐसी सूचना नहीं है जो बताते हैं कि हमारी प्रतिक्रिया की दिशा बदलने की जरूरत है.” नए स्वरूप के बारे में बहुत कुछ अज्ञात है, जिसमें इसके अधिक संक्रामक होने, लोगों को अधिक गंभीर रूप से बीमार बनाने, और टीकों का इसपर असर नहीं होने जैसी आशंकाएं भी शामिल हैं.

कसई ने कहा कि परिवर्तनों (म्यूटेशन) की संख्या के कारण ओमीक्रोन को चिंता का एक स्वरूप नामित किया गया है और क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से पता चलता है कि यह वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है. उन्होंने कहा कि अधिक जांचों और अवलोकन की आवश्यकता है. डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय आपातकालीन निदेशक डॉ. बाबतंडे ओलोवोकुरे ने कहा कि अब तक पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के चार देशों और क्षेत्रों - ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया ने ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों की सूचना दी है. ओलोवोक्योर ने कहा कि यह संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि विश्व स्तर पर और अधिक मामले खोजे जा रहे हैं. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी बताएं कि अजय मिश्रा की बर्खास्तगी कब होगी और एमएसपी पर कानून कब आएगा: राहुल गांधी

भारत, सिंगापुर और मलेशिया ने भी पिछले 24 घंटों में अपने पहले मामले दर्ज किए हैं. उन्होंने कहा, “देशों को अभी क्या करना चाहिए, इस लिहाज से पिछले कुछ वर्षों में हमारे अनुभव, विशेष रूप से डेल्टा स्वरूप के जवाब में, हमें एक मार्गदर्शन प्रदान करता है कि हमें क्या करने की आवश्यकता है, साथ ही साथ भविष्य में मामले बढ़ने से अधिक टिकाऊ तरीके से कैसे सामना करना है.” ओलोवोक्योर ने कहा कि इनमें पूर्ण टीकाकरण कवरेज, सामाजिक दूरी, मास्क पहनना और अन्य उपाय शामिल हैं. फिर स्थानीय संदर्भ के जवाब में उन्हें ठीक किया जा सकता है.