वाशिंगटन, 27 अगस्त : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने काबुल में हुए हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया और हमले में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘ हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे.’’ काबुल हवाईअड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों द्वारा भीड़ पर किए गए हमले में कम से कम 73 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है. मृतकों में अमेरिका 13 सैनिक और अफगानिस्तान के 60 लोग शामिल हैं. बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘‘ इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं. हम यह भूलेंगे नहीं. हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे. मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा.....’’
राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल में हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और उसके पास एक होटल पर हुए भयावह हमले के पीछे आईएसआईएस-के का हाथ है. बाइडन ने कहा, ‘‘ जैसा कि आप सभी जानते हैं, जिन आतंकवादी हमलों के बारे में हम बात कर रहे थे और जिनके बारे में खुफिया तंत्र चिंतित था, उसे आईएसआईएस-के नामक संगठन ने अंजाम दिया. उन्होंने हवाईअड्डे पर तैनात अमेरिकी सेवा के सदस्यों की जान ली और कई को गंभीर रूप से घायल भी कर दिया. उन्होंने कई असैन्य लोगों की भी जान ली और कई को घायल भी किया.’’ बाइडन ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों को आईएसआईएस-के के ठिकानों, नेतृत्व और सुविधाओं पर हमला करने की योजना तैयार करने के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि काबुल में निकासी अभियान को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए वह अब भी प्रतिबद्ध हैं. यह भी पढ़ें : Kabul Blast: जो बाइडेन की चेतावनी- हम काबुल हमलें को नहीं भूलेंगे, हमलावरों को ढूंढकर मार गिराएंगे
बाइडन ने कहा, ‘‘ हम अभियान पूरा कर सकते हैं और जरूर करेंगे. मैंने उन्हें यही आदेश भी दिया है. हम आतंकवादियों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे. हम उन्हें हमारा अभियान रोकने नहीं देंगे. हम निकासी अभियान जारी रखेंगे.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे. बाइडन ने कहा, ‘‘ यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे.’’ उन्होंने साथ ही कहा कि हवाईअड्डे पर हमले को अंजाम देने में तालिबान और आईएसआईएस की मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है.